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________________ आमुस-आयवत्त ५१ आयमंत (आचमत्) नि० ४१११४ से ११७ आयमित्तए (आचमितुम्) क० ५।३६ आयय (आयत) द० ६।४।५. उ० ३६।२१,४६, ५८. अ० ५१३ vआयय (आ+वद्) - आययई उ० ३२।२६ आययगंतपच्चागया (आयतगत्वाप्रत्यागता) उ० ३०११६ आययट्टि (आयतार्थिन) द०५।१३४. उ० २६॥ आमुस (आ-+-मश्) – आमुसेज्जा द० ४ सू० १६ आमुसंत (आमृशत्) द० ४ सू० १६ 1 आमुसाव (आ+मर्शय) -आमुसावेज्जा द० ४ सू० १६ आमोयमाण (आमोदमान) उ. १४१४४ आमोस (आमर्ष) आ० ४।५. उ०६।२८ आय (आय) द० चू० १११८. अ० ३८३,६१६, ६४४,६४६ से ६५२,६५४ से ६५६,६५८ से ६६०,६६२ से ६६६ आय (आज) नि० ७.१० मे १२; १७।१२ से १४ आय (आत्मन्) उ०२।१५८.१६; १३।१०।१४। १०,१५॥२. नं० ८१ से ११,१२३. अ० ६१३ मे ६१७. दसा० ५७. क. ३११४,१५ आयइ (आयति) द० चू० ११ आयंक (आतङ्क) द० चू० १ सू० १. उ० ५।११, १०।२७; १६ सू० ३ से १२, १९७८,२१। १८,२६।३४. दसा० ७।३४. क० ५।३६ से ३६. व० २।१६,१७ आयंगुल (आत्मांगुल) अ० ३८६,३६०,३६२,३६४ आयंत (आचान्त) ५० ६६ आयंबिल (आचाम्ल) आ० ६६ आयंसग (आदर्शक) अ० ६२ आयगवेसय (आत्मगवेषक) उ० १५१५ आयगुत्त (आत्मगुप्त) उ० १५॥३; २१।१६ आयजोगि (आत्मयोगिन्) दसा० ५।७ आयट्ठि (आत्मार्थिन् ) दसा० ५७ आयत (आयत) अ० २६२ आयतण (आयतन) दसा० १०॥३. ५० २६१ आयपरक्कम (आत्मपराक्रम) दसा० ५७ आयप्पमाण (आत्मप्रमाण) ५० ३१ आयप्पवाय (आत्मप्रवाद) नं० १०४,१११ आयभाव (आत्मभाव) अ० ५५२,५५६,६१३ से आययट्ठिय (आयताथिक) द० ६।४।२ आययण (आयतन) द० ६।१५. उ० ३२१६ आयर (आ चर) -आयरंति द०६।१५; -आयरे उ० २४१२७ आयरंत (आचरत्) उ० ११४२, ३५११ आयरक्ख (आत्मरक्ष) प०६ आयरेमाण (आचरत्) दसा० ६२ आयरिय (आचार्य) आ० १११,४१८. द० ॥ १४०,१४५; ८।३३,६०, ६।४,५,१०,११,१४, १६,१७,२६,३३,४१. उ० ११२०,४०,४१, ४३, ८।१३; १६ सू० ३ से १२,१७१४,५, १७; १८।२२, २०१२२; २७।११।३०।३३. नं० गा० ३५,३६; सू० ३५. अनं० १६ से १८,२० से २२,२७, २८. अ० ६४३।१. दसा० ४।१४; ६।२।२४. ५० २३०,२३६, २७१,२७३ ३ २७५. क० ११३८,३६; ३।१३; ४।१६ से २४,२६,२७. व. ११२५,३३; ३१५, ६,६ से १२,१६,१७,२१,२२,२५,२८,२६; ४१ १,२,५,६,९,१०,१३ से १७,२८,३१,३२, ६। २; ७१५; १०११५,१६,४०,४१. नि०४।२०; १६॥३६; १६।२५ आयरिय (आचरित) उ० ११४२; ६।८ आयरियत्त (आचार्यत्व) व० ३।१३ से २६; ४।१७; ५११६,१७, ७।२१. नि० १७११३४ आयव (आतप) उ० २।३५ आयवत्त (आतपत्र) दसा० १०।१४ Vायम (आ+चम)-आयमति नि० ४।११४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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