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________________ ३६ अमुग्ग-अरह अमुग्ग (अमुद्ग) अ० ३२१ अयपाय (अयस्पात्र) नि० ११११ से ३ अमुच्छिय (अमूच्छित) द० ५।१,१२६; १०।१६. अयपोसय (अजपोषक) नि० ६।२३ उ० ३५।१७ अयबंधण (अयस्बन्धन) नि० १११४ से ६ अमुन (अमूर्त) उ० १४.१६ अयल (अचल) आ० ६।११.५० १०,६७ अमुद्द (अमुद्र) अ० ३२१ अयलपुर (अचलपुर) नं० गा० ३२ अमुय (अमुक) द० ७५० अयलभाय (अचलभात) नं० गा० २१. प० १८३ अमुहरि (अमुखर) उ० ११८ अयलोह (अयस्लोह) नि० ७।४ से ६; १७।६ से ८ अयस (अयशस) ० ५।१३८; चू० १११३ अमूढ (अमूढ) द० १०७. क० ४18 अमूढदिट्ठि (अमूढदृष्टि) उ० २८।३१ अयसबहुल (अयशबहुल) दसा० ६।४ अमेज्ज (अमेय) प०६४ अयसी (अतसी) उ० १६।५५; ३४।६ अमोक्ख (अमोक्ष) उ० २८१३० अयागर (अयआकार) नि० ५।३५ अमोसली (दे०) उ० २६।२५ अयाणंत (अजानत) द०४।१२. उ० ८।१७ अमोह (अमोघ) द०८।३३. उ०१४।२१ से २३. अयाणय (अज्ञ) उ० १२।३१ अ०२८७ अर (अर) आ० २।४; १४/४. उ० १८४०. अमोह (अमोह) अ० २८२ नं० गा० १६. अ० २२७. प० १४३ अमोहण (अमोहन) उ० ३२।१०६ अरइ (अरति) ० ८।२७; चू० १ ० १. उ०२ अमोहदंसि (अमोहदशिन्) २०६।६७ सू० ३; गा०१४, १५, १०१२७, २११२१ ३२।१०२ अम्मा (दे० अम्बा) द० ७।१५. उ० १६२,६ ___ अरइय (अरतिक) नि० ३३३४ से ३९; ४७२ से से ११,२४,४४,७५,७६,८४ से ८६; २१।१०. नं० ८६ से ८६,६१ ७७; ६।४३ से ४८; ७।३२ से ३७; ११।२६ से ३४; १५॥३१ से ३६, ११७ से १२२; अम्मापिइ (अम्बापित) ५० ५७,६६,७३ १७।३३ से ३८,८७ से ६२ अम्मापिउ (अम्बापित) प० ५२,६७ अरक्खिय (अरक्षित) व० चू० २०१६ अम्मापियर (अम्बापित) सा० १०।२५,२६. अरज्जत (अरज्यत्) उ० १६॥ प० ५१,६६ अरणि (अरणि) उ०१४।१८ अम्ह (अस्मत्) आ० २।५. द०११४. उ०१११. अरण्ण (अरण्य) उ० १६७६, ७७; ३२१७६ नं० गा०६. अ० ३०८।३. दसा० १११. व० अरतिरति (अरतिरति) बसा०६।३.१०६७ ११३३ अरय (अरत) द० चू० १११०,११. उ०१७।१५ अम्हारिस (अस्मावश) उ० १३।२७ अरय (अरजस्) उ० १८१४० अय (अज) उ० ७७,६. अनं० १२. अ० ३४२।२ अरय (अरक) नं० गा० ५ अय (अयस्) उ० १२।२६,१६।६७,३६१७३ अरयंबर (अरताम्बर) १०८ अयंतिय (अयन्त्रित) उ० २०१४२ अरविंद (अरविन्द) प० ३५ अयंपिर (अजल्पित) द० ५।२३; ८।२३,४८ अरस (अरस) द० ५।६८ अयगोल (अयोगोल) दसा०६।४ अरह (अर्हत्) उ०६।१७; २३३१. नं०७६. अयण (अयन) अ० २१९,४१७. २०७४,२७६ अ० २८२. वसा० १०॥३३. ५० ३५, ८२, अयत (अयत) दसा० ६।३ १०८ से १८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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