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अक्खलिय-अग्गपिंड
अक्खलिय (अस्खलित) अनं० ६. अ० १३, ३४,
५७, ८१,१०६, ५६३, ६२३, ६३५, ६४७,
६७३, ७००.७१४ Vअक्खा (आ+ ख्या) - अक्खाहि उ० १२१४० अक्खाइयओवक्खाइया (आख्यायिकोपाख्यायिका)
नं० ८६ अक्खाइयट्ठाण (आख्यायिकास्थान) नि० १२।२७;
१७।१४६ अक्खाइया (आख्यायिका) नं० ८६ अक्खाउं (आख्यातुम् ) द० ८।२० अक्खात (आख्यात) दसा० १।१; २।१; ४१ अक्खाय (आख्यात) द०४ सू०१ से ८;
६।४। सू० १. उ०२ सु० १; ५।२; ८1८, १३, २०; १६ सू० १; १८।४३; २३।६३; २४।३; २६।१. नं०८६, १०३. दसा० ३।१;
५१ अक्खीण (अक्षीण) प० १२, २४ अक्खुभिय (अक्षुभित) नं० गा० २७ अक्खेव (आक्षेप) उ०२५११३ Vअक्खोड (आ+स्फोटय)
-अक्खोडावेज्जा द० ४ मू० १६
-अक्खोडेज्जा द० ४ ० १६ अक्खोडंत (आस्फोटयत्) द० ४ सू० १६ अक्खोभ (अक्षोभ) नं० गा० ११ अखंड (अखण्ड) नं० गा० ४ अखंडफुडिय (अखण्डास्फुटित ) द० ६।६ अखम (अक्षम) दसा० ॥३४ अगंधण (अगन्धन) द.२।६ अगड (दे० अवट) नं० ३८।३. अ० ३६२ अगडमह (अवटमह) नि० ८।१४ अगडसुय (अकृतश्रुत) व०६।४,५ अगणि (अग्नि) द०४ सू. २०; ८२,८; १०।२.
उ० १२।२७; १६।४७; ३६।१०६.
नं० १८।२. दसा०६।५ अगणिकाय (अग्निकाय) अ० ३६८. दसा० ६।३;
७।१७ अगमिय (अगमिक) नं० ५५,७२ अगय (अगद) नं० ३८६ अगरु (अगरु) अ० ३७६ अगवेसिय (अगवेषयित्वा) नि० २।४७; अगार (अगार) उ० १।२६. दसा० १०॥३१.
प० १, १०८, ११३, १२६, १२६, १६०,
१६५, २२४, २५६ अगारस्थ (अगारस्थ) उ० ५।१६ अगारधम्म (अगारधर्म) उ० २६।४ अगारव (अगौरव) उ० ३०१३ अगारवास (अगारवास) उ० २।२६. ५० ५७,
१०६,११२, १२४, १२६, १८० अगारि (अगारिन) द. ६।५७. उ० ५।१६,२३;
७।२२. १० २२४,२५८ अगाह (अगाध) द० ७।३६ अगिहियव्व (अगृहीतव्य) अ० ७१५१५ अगिद्ध (अगृद्ध) द० १०।१६ अगिला (अग्लानि) व० २१६ से १७ अगिलायय (अग्लायक) उ० २६।१० अगिह (अगृह) उ० १५।१६. प० २५३ अगिहिभूय (अगृहिभूत) व० २।१८,२०,२२,२३ अगुण (अगुण) द० ५।१४४; ६।५१ अगुणप्पेहि (अगुणप्रेक्षिन्) द० ५।१४१ अगुणि (अगुणिन्) उ० २८।३० अगुन (अगुप्त) उ० ३४।२१ अगुत्ति (अगुप्ति) द०६।५८ अगोय (अगोत्र) अ० २८२ अग्ग (अग्र) द० ५।२; 81८,६. उ० ७।२३,२४;
६।४४; १०।२; २०११५. नं० ७०. अ० ४१६
दसा० ६।६. प० १०,२३. अग्ग (अग्र्य) उ०१४।३१ अग्गओ (अग्रतस) ५० १४३, १८७ अग्गजीहा (अग्रजिह्वा) अ० २६६ अम्गपिंड (अप्रपिण्ड) नि० २।३१
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