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________________ ८१२ अंतोमुहुत्तग-अकिरिय अकंत (अकान्त) ज २११३३ अकंततरिया (अकान्ततरका) प १७११२३ से १२५, १३० से १३२ अकंतत्त (अकान्तत्व) प २८।२४ अकंतस्सर (अकान्तस्वर) ज २११३३ अकंतस्सरता (अकान्तस्वरता) प २३।२० अकंप (अकम्प) ज २१६८३१७६.६ से १०१ अज्ज (अकार्य) ज २११३३ अकण्ण (अकर्ण) प ११८६ अकत्तिम (अकृत्रिम) ज २११२२,१२७,४।१००, १७० अंतोमुहुत्तग (अन्तर्मुहूर्त्तक) प ११७१ अंतोमुहुत्तद्धाउय (अन्तर्मुहूर्ताद्धायुष्क) प १७४ अंतोमुहुत्ताउय (अन्तर्मुहूर्तायुष्क) ५ ११८४ अंतोमुहुत्तिय (आन्तर्मुहूर्तिक) प १५।६१; २८१४,३: ; ३६।२,८४,६२ अंतोवाहिणी (अन्तर्वाहिनी) ज ४।२१२ अंदोलाव (आन्दोलय) अंदोलावेइ उश६७ अंधकार (अन्धकार) ज ३१६३,६५,१५७,१५६, १६३ सू १४१५ से ८,१६१५,६ अंधकारपक्ख (अन्धकारपक्ष) सू १३।१:१४।२, ३,५ से ८ अंधयार (अन्धकार) प २०२० से २७ ज ११२४; ३१३१,१०६ अंधयारसंठिति (अन्धकारसंस्थिति) ज ७।३३, से ३५ सू ४।६,७,६ अंधिया (अन्धिका) प ११५१११ अंब (आम्र) प १।३।१; १६।५५; १७:१३२, १३३ ज ३।११६ अंबठ्ठ (अम्बष्ठ) प ११६४।१ अंबर (अम्बर) ज ७।१७८ अंबरतल (अम्बरतल) ज ३।१४,३०,४३,५१,६० ६८,१३०,१३६,१४०,१४६,१७२ अंबसालवण (आम्रशालवन) उ ३१२६, ६,९५ अंबाडग (आम्रातक) प ११३६।११६।५५; १७११३२ अंबाराम (आम्राराम) उ ३।४८ से ५०,५५ अंबिल (अम्ल) प ११४ से ६५२५,७,२०५; २८.२६,३२,६६ ज २११४५ अंबिलसाय (अम्लशाक) ५११४४०२ अंबिलिया (अम्लिका) ज ३।११६ अंबिलोदय (अम्लोदकः) प ११२३ अंबुभक्खि (अम्बुभक्षिन्) उ ३५० अंस (अंस) उ १११३८ अंसु (अश्रु) ज २।६०, १०३,१०६,१०८ अकंटय (अकण्टक) ज २११२ अकम्मभूमग (अकर्मभूमज) प ११८५,८७,६७२ ८१८४,६५,६७,१०८,२११५४,७२ अकम्मभूमय (अकर्मभूमज) प ६१७६; १७।१६२, से १६४,१७२ अकम्मभूमि (अकर्मभूमि) प ११८४; २।२६ अकयपुण्ण (अकृतपुण्य) उ ११९२३१६८,१०१ १३१ अकरंडुय (अकरण्डक) ज २०१५ अकरणया (अकारणता) उ ३।११५ अकविल (अकपिल) ज २०१५ अकसाइ (अकषायिन्) प ३६८; १३.१६; १८६७, २८।१३४ अकसायसमुग्धाय (अकषायसमुद्घात) प ३६१४८ अकसायि (अकषायिन्) प ३९८ अकाइय (अकायिक) प ३।५०; १८।२६ अकामय (अकामक) उ ३।१०६ अकामिय (अकामित) उ ११५२,७७ अकाल (अकाल) ज ३।१०४,१०५ अकालतालु (अकालतालु) जं ३।१०६ अकालपरिहीण (अकालपरिहीन) जं ५।२२,२६ से २८ अकित्तिम (अकृत्रिम) जं १।२१,२६,४६; २।५७, १४७,१५०,१५६ अकिरिय (अत्रिय) प १७४२५, २२१७,८,२६,३० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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