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चउत्थं अज्झयणं
७६७ उत्ताणसेज्जएहिं जाव' अप्पेगइएहिं मुत्तमाणेहिं दुज्जाएहिं दुज्जम्मएहिं हयविप्पहयभग्गेहिं एगप्पहारपडिएहिं जेणं मुत्त-पुरीस-वमिय-सुलित्तोवलित्ता जाव' परमदुग्गंधा' नो संचाएमि रटुकडेणं सद्धि विउलाई भोगभोगाइं° भुंजमाणी विहरित्तए, तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव' सुलद्धे णं तासि अम्मयाणं मणुए जम्मजीवियफले जाओ णं वंझाओ अवियाउरियाओ' जाणुकोप्परमायाओ सुरभिसुगंधगंधियाओ' विउलाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणीओ विहरंति, अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा नो संचाएमि रट्टकूडेणं सद्धि विउलाई 'माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरित्तए ॥ सोमागिहे अज्जागमण-पदं ।
१३२. तेणं कालेणं तेणं समएणं सुव्वयाओ नाम अज्जाओ इरियासमियाओ जाव बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुव्वि चरमाणोओ गामाणुगामं दूइज्जमाणीओ जेणेव विभेले" सण्णिवेसे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं" •ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणीओ विहरंति ॥
१३३. तए णं तासिं सुव्वयाणं अज्जाणं एगे संघाडए विभेले सण्णिवेसे उच्च-नीय •मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए° अडमाणे रट्टकूडस्स गिहं अणुपविठे ॥ सु० १४१ पडिनिक्खमइ उवागच्छइ वंदइ नम- पडिनिक्खमिस्सइ उवागच्छिहिइ वंदिस्सइ सइ पज्जुवासइ
नमंसिस्सइ पज्जुवासिहिइ , १४२ परिकहेंति
परिकहेहिति , १४३ पडिवज्जइ वंदइ नमसइ पाउन्भूया पडिवज्जि हिइ बंदिस्सइ नमंसिस्सइ पाउब्भविस्सइ पडिगया
पडिगमिस्सइ , १४४ जाया विहरइ
भविस्सइ विहरिस्सइ ,, १४५ पडिनिक्खमंति विहरंति
पडिनिक्खमिस्संति विहरिस्संति , १४६ विहरंति
विहरिस्संति , १४७ वंदइ नमसइ पव्वयामि
वंदिस्सइ नमंसिस्सइ पव्वइस्सामि ,, १४८. वंदइ नमसइ पडिनिक्खमइ उवाग- वंदिस्सइ नमंसिस्सइ पडिनिक्खमिस्सइ उवागच्छिच्छइ आपुच्छइ
हिइ आपुच्छिस्सइ , १४६ जाया
भविस्सइ " १५० अहिज्जइ
अहिज्जिस्सइ १३. उ० ३।१३० ।
७. °सुगंधसुगंधियाओ (ख)। १. उ० ३३१३० ।
८. सं० पा०—विउलाई जाव विहरित्तए। २. उ० ३।१३० ।
६. उ० ३९६ । ३. दुब्भिगंधा (ख)।
१०. वेभेले (क,ख); वेभले (ग)। ४. सं० पा०–सद्धि जाव मुंजमाणी।
११. सं० पा०-ओग्गहं जाव विहरंति । ५. उ० ११३४ ।
१२. सं० पा०-नीय जाव अडमाणे । ६. अवियाउरीओ (क)।
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