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________________ छodiaइमं कम्मवेयबंधपयं १. कति णं भंते! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - णाणावर णिज्जं जाव अंतराइयं । एवं णेरइयाणं जाव वेमाणियाणं || २. जीवे णं भंते ! णाणावर णिज्जं कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा ॥ ३. रइए णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा । एवं जाव वेमाणिए । मणूसे जहा जीवे || ४. जीवा णं भंते ! णाणावर णिज्जं कम्मं वेदेमाणा कति कम्म पगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य १ अहवा सत्तविहबंधगा अहिबंधगाय छव्विहबंधए य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगाय ३ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य एगविहबंधगे य ४ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य एगविहबंधगा य ५ अहवा सत्तविहबंधगा य बंधा छविहबंधए य एगविहबंधए य ६ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविबंध य एगविहबंधगा य ७ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य एगविहबंधए य ८ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा विधाय ६, एवं एते नव भंगा। अवसेसाणं एगिदिय- मणूसवज्जाणं तियभंगो' जाव वेमाणियाणं ॥ ५. एगिंदिया णं सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ॥ ६. मणूसाणं पुच्छा । गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविधगाय अहिबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ३ अहवा सत्तविहबंधगाय छव्विहबंधए य, एवं छव्विहबंधएण वि समं दो भंगा ५ एगविहबंधएण वि समं दो भंगा ७ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधए य चउभंगो ११ अहवा सत्तविहबंधगाय अट्ठविहबंधए य चउभंगो १५ अहवा सत्तविहबंधगा य छव्विहबंध य एगविहबंध य चउभंगो १६ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंध विधय भंगा अट्ठ २७, एवं एते सत्तावीसं भंगा ॥ ७. एवं जहा णाणावर णिज्जं तहा दरिसणावरणिज्जं पि अंतराइयं पि ॥ १. तियभंगा ( ग ) । Jain Education International For Private & Personal Use Only ३०७ www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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