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________________ नव-निक्कट्ठ नव (नवन्) प ११८११ ज ३।१०६ सू १।१४ उ १२५३ नव (नवम) प १०।१४।३ नवणउति (नवनवति) सू १।२१ नवणउय (नवनवति) सू ११२६ नवणवति (नवनवति) सू ११२१ नवति (नवति) सू २।३ नवम (नवम) प १०।१४।१,२ उ ११७;२।२२ नवरं (दे०) प २१४०,४४,६२, ५।४२,४३,४६, ५०,५४,६४,८७,६८,१०२,१०५,१०८.११२, ११७,१२२,१३२.१४८,१५१,१६७,१७०, १७५,१७८,१७६,१८२,१८५,१८८,१६४, १६८,२०४,२०५,२०८,२१३,२१५,२१६, २१६,२२२,२२५,२३५,२४०,२४३, ६।४६, ५६,७४ से ७८.८०,८१,८३,८४,८६,८६,६२, ६४,१००,१०७,१०८,११२,१११८२,८३, १२।३१,१३।१५:१५।६०,६२,६६,६७,१४३; १७.६६३६।६ सू११२२ उ ११४८,२।२०; ३१७,१३, ४।५५।१३ नवविह (नवविध) प १७।१३६ नह (नख) उ ११३६,५५,५८,८०,८३,६६,११६: ११८,३।१०६,१३८,५।१७ नाइ (ज्ञाति) उ ३।४२,११०,१११,४।१६,१८ नाइय (नादित) ज ३७८,५।२२ नाग (नाग) प २।३०११,२।४०।१० ज ३११८५, २०६ नागकुमार (नागकुमार) प १११३१,२।३५;४।४३ से ४५,५५,५८,६।१८,६१ नागकुमारत्त (नागकुमारत्व) प ३६।२४ नागकुमारराय (नागकुमारराज) प २।३६ नागकुमारी (नागकुमारी) प ४।४६ से ४८ नागपव्यय (नागपर्वत) ज ४।२१२ नागमाल (नागमाल) ज २१८ नागलता (नारलता) प ११३६१ नाडइज्ज (नाटकीय) ज ३१७४ नाण (ज्ञान) प २१६४।१२,५।४३,८७,१०२,१०५, ११५ ज २१७१,८५,३१२२३,५।२१ उ ३।४४ नाणत्त (नानात्व) प २४० नाणा (नाना) ज ४।१३ नाणाविह (नानाविध) उ ५१५ नादित (नादित) ज ३।२०६ नाम (नामन्) प १११०११५; २।३०।१,२१५८,६१; २३।१५१ ज ११४६,३।२४,४।२६२ च ६,७, ८,१० सू १११ से ३,५,६ उ १११ से ३,९ से १३,२८ से ३२,६५,१४४ से १४६,१४८; २।४ से ७,१६ से २०,२२, ३।४,६१०,२१, २७,२८,४८,५०,५५,८६,६५ से ६७,१३२, १५५,१५७,१५८,१७१,४१७ से ६,२८; ५।२।१,४ से ७,६,११ से १३,२१,२४ से २६, ४०,४१ नामधिज्ज (नामधेय) प २६४ नामधज्ज (नामधेय) ज ३।१३५।१ सू १०१८४ उ १२६३,२१६३।१२६ नामय (नामक) चं ५।२ सू १।६।२ नायव्य (ज्ञातव्य) प ११४८६,१११०१।४,१२ सू१।२५,२।२ नारी (नारी) ज २१६५ नालिएरी (नालिकेरी) प ११४३।२,१।४७।१ नालियाबद्ध (नालिकाबद्ध) प ११४८१४१ नासा (नासा) ज ३।२११:५१५८ निउण (निपुण) प २।४१ ज ५७ निओय (नियोग) ज ३।१७८ इनिंद (निन्द् ) निदंति उ ३।११६ निदिज्जमाण (निन्द्यमान) उ ३।११८ निबकरय (निम्बकरज) प ११३५।३ निकुरंब (निकुरम्ब) उ ३।४६ निक्कंकड (निष्कङ्कट) ज १।३१ निक्कंकडछाया (निष्कङ्कटछाया) प २।३०,४६. ५६,६३,६४ निक्कंखिय (निष्काङ्क्षित) प १।१०१।१४ निक्कट्ठ (निकृष्ट) उ १११३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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