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________________ धोव्व-नलिणिगुम्म ५५ थोम्व (दे०) ज ३।१६७।६ नपुंसकलिंगसिद्ध (नपुंसकलिङ्गसिद्ध ) प १।१२ नपंसग (नपुंसक) प ११४६ से ५१,६०,७५,७६, ८१,११।२७ न (न) उ ११३७ नपुंसगवेद (नपुंसकवेद) प १८१६२,२३७५ नउय (नयुत) ज २।४ नपुंसगवेदग (नपुंसकवेदक) प ३६७,१३।१६ नउयंग (नयुताङ्ग) ज २।४ नपुंसय (नपुंसक) प ६७६ नंद (नन्द) ज २१६४;३।१८५,२०६ नभ (नभस् ) ज २।६५ नंदण (नन्दन) उ २।२।१ निमंस (नमस्य) नमसइ ज ११६,५१५८ नंदणवण (नन्दनवन) उ ५।६,७,३६ ३७ उ १११६३८१४।१३,५।२० नमसंति नंदा (नन्दा) उ ११३०,३१ उ ४।१६,५३३६ नमसीहामि उ ३।२६ नंदि (नन्दि) प १५।५५।१ नमसेज्ज ज २०६७ नंदिघोस (नन्दिघोष) ज ३।१७८ नमंसमाण (नमस्यत्) उ १११६ नंदिय (नन्दित) ज ३।५,६,८,१५,१६३१,५३, नमंसित्ता (नमस्यित्वा) ज ११६ उ १११९,३१८१; ६२,७०,७७,८४,६१,१००,११४,१४२,१६५, ४।१४।५।२० १७३,१८१,१८६,१६६,२१३,५।२७ नमिऊण (नत्वा) चं ११२ नंदीमुह (नन्दिमुख) ज २०१२ नय (नय) सू ११२५;२।२४।२ उ १३८,४०,४२ नंदीसरवर (नन्दीश्वरवर) ज २।११६ नयण (नयन) उ १११५.३५,३।६८ नक्खत्त (नक्षत्र) प १४१३३;२।२३ से २७,४८,५०, नयर नगर) ७८,२०, नयर (नगर) उ १२१२,२८,२६,१२१,१२२,३।४, १२.२८२६.१२१ ६३ उ २०१२ २१,२४,८६,१५५,१६८,१७१;४।४,६,७,१३, नगर (नगर) प ११७४ ज २१७१,३।६,७७,२२२ १५,१८,२८,५।२४ से २६,४३। नगरावास (नगरावास) प २।४३ नयरी (नगरी) चं ६,७,८ सू ११ से ३ उ ११६, नगरी (नगरी) उ ११११०।। १०,१२,१६ ६३,९५ ६७,६८,१०५ से १०७, नग्गभाव (नग्नभाव) उ ५१४३ ११०,१११,११५,१२२,१२५,१२६,१३०, नच्चंत (नत्यत्) ज ३११७८ उ १।१३६ १३२,१४४,१४५,२।४,५,१६,१७,३।६,११, निज्ज (ज्ञा) नज्जइ उ ११५४ २१.२७ से २६,४६,४८,५०,५५,६५,६६,६६, नट्ट (नाट्य) प २१३०,३१,४६ ज ११४५ १००,१११,१५७,१५८,१६६,१७१,५।४,५,६, नट्टविहि (नाट्यविधि) उ ३७,२१,२५,६२,१५६, ११,१६,३०,३३ १६६४।५ नर (नर) ज २१६५,७१ नट्ठ (नष्ट) ज २११३३ नरग (नरक) प २२२ से २७,२।२७।३,४ नत्ती (नप्त्री) उ ३।११४,११५,११६ उ ११२६ नत्तु (नपतृ) ज २१६६ उ २।२२ नरच्छाया (नरच्छाया) प १६।४७ नत्तुय (नप्तक) उ १२१०६,११०,११३,११४; नरय (नरक) प २।२३;६।८०२ उ १।१४० ३।११४ नरवइ (नरपति) उ १।१२४,१३१,५।१६ नत्थि (नास्ति) प ११८१; ५११५५, ३६।३३ नलिण (न लिन) प ११४६,११४८।४४ नदी (नदी) प २।४,१३.१६ से १६,२८; नलिणहत्थगय (हस्तगतनलिन) ज ३।१० १५।५५२ नलिणिगुम्म (नलिनीगुल्म) उ २।२।१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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