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________________ ९३४ तहप्पगार-तालियंट ३५ से ३७,३६ से ५१,५६,६०,६३ से ६६, ७०,७१,७५,७६,७८,६६,६९१११२१ से २५ तहा (तथा) प ११३५।३ ज ३।१०७ सू ८।१ उ १७ तहारूव (तथारूप) उ १।१७,२।१०,१२,३।१४, १६१,५३३६,४१,४३ तहाविह (तथाविध) प ११४८।७,१० से ३७,४१, ४३ तहि (तत्र) प २१६४।५ तहेव (तथैव) प ११४८।२ ज ११५१ सू १।१७ उ ११७ ता (तावत्) सू १।१० ताओ (ततस् ) ज ११२० उ २०१३;३।१८ तागंधत्त (तद्गन्धत्व) प १६।४६;१७।११५,११६, ११८,१४८,१४६ ताडिज्जमाण (ताड्यमान) सू ६।३ ताण (त्राण) ज ५।२१ ताफासत्त (तत्स्पर्शत्व) प १६।४६;१७११५, ११६,११८,१४८,१४६ तामरस (दे०) प ११४६ तामलित्ति (ताम्रलिप्ति) प ११६३।१ ताय (तात) उ ११४२ से ४४ तायत्तीसा (त्रयस्त्रिंशत्) प २।३२,३३,३५,५०,५१ ज २०१० तार (तार) प ११।२५ तारंतर (तारान्तर) ज ७।१६८।२ तारगग्ग (तारकाग्र) चं ५२ सू १६२ तारग (तारक) सू १६।२२।११ तारग्ग (ताराग्र) ज ७/१२७११,१३११२,१६७।१ सू१०१५५,१६।२२।२,२६ तारया (तारका) प २।४८ ज ५।२१ सू १०१५५; १६२२ तारसत्त (तद्रसत्व) प १६।४६;१७।११५,११६, ११८,१४८,१४६ तारा (तारा) प १११३३ ज ३७६,११६,१८५, २०६७।१३१,१७७।३,१८२ सू १०.५५, ५६,५७,५६,६१,६२,१५।११८२४,१८,१६, ३७,१६।२२।१,१६।२२,३१ तारागण (तारागण) ज ३१६,१७,२१,३४,१७७, २२२,७।१।१,१७० सू १८।४।१६।१,५३, ८॥३,१११४,१५१४,१६,२११५,८,१६।२२।३२, १६।३१,३५,३८ तारापिण्ड (तारापिण्ड) सू१६।२२।१ तारारूव (तारारूप) ५२०४६ से ५१,६३ ज ४।२७, ७।५५,५८,१६८,१७३,१७४, १७८।२,१७६ से १८२,१६७ सू१५।१; १८।१ से ३,१८ से २०,३७,१६।२३,२६; २०१७ उ २।१२,५०४१ ताराविमाण (ताराभिमान) प ४।२०१ से २०६; ६।८५ ज ७।१६५,१६६ १८।१,८,१३, १७,३५,३६ तारिस (तादृश) १०।१६४, २०१७ तारिसग (तादृशक) सू२०१७ उ ११३३,२१८,२० ५।१३,१५,३१ तारूवत्त (तद्रूपत्व) प १६।४६; १७।११५,११६, . ११८ से १२८,१४८ से १५२,१५४,१५५ ताल (ताल) प ११४७११, २३०,३१,४१,४६ ज११४५; २१६५,३१८२,१८६,२०४,२०६, २१८,२२२, ५३१,१६, ७।५५,५८,१८४ सू १८।१३; १६२३,२६ ताल (ताड) प ०४३।१ इताल (ताडय) तालेइ उ ५११६ तालेहि उ ५११५ तालण (ताडन) ज ७।१७८ तालपुडग (तालपुटक) उ १८६,६० तालायार (तालाचार) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८ ६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ तालिय (ताडित) उ५।१७ तालियंट (तालदन्त) ज ३।११,५११०,५५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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