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________________ ६ . गयवइ-गामरोग गयवह [गजपति] ओ० ५१,६३ गहणया [ग्रहणता] ओ० ५२. रा० ६८७ गयविलंबिय [गजविडम्बित] रा० ६१ गहणी [ग्रहणी] जी० ३१५९८ गयविलसिय [गजविलसित] रा० ६१ गहदंड [ग्रहदण्ड ] जी० ३।६२६ गया [गदा] ओ० १. रा० २४६ गहमुसल [ग्रहमुसल] जी० ३।६२६ गरहणा [गर्हणा] ओ० १५४,१६५,१६६. गहविमाण [ग्रहविमान] जी० २।४२; ३॥१००६, रा०८१६ १०१२,१०१७,१०३१ गरुडजाय [गरुडध्वज] रा० १६२. जी. ३१३३५ गहसंघाडग [ग्रहशृङ्गाटक] जी० ३।६२६ गल्य [गरुक] जी० ११५; ३।२२ गहाय [गृहीत्वा] रा० १२. जी० ३।११८ गरुयत्त [गरुकत्व] रा० ७६२,७६३ गहित [गृहीत] जी० ३।३०३,४५७,४५६,४६१ गल [गरुड] ओ० १६,४७,४८,१२०,१६२. रा० ६६८,७५२,७८६. जी० ३१५६६ गहिय [गृहीत] ओ० ४६,४६,७०,११६,१२०,१६२. गलवूह [गरुडव्यूह ] ओ० १४६. रा०८०६ रा० १२,६९,७०,१३३,२६१,२६३ से २६६, गरलासण [गरुडासन] रा० १८१,१८३. ३००,३०५,३१२,३५५.६६४,६८३,६८६,६६८, जी० ३१२६३ ७५२,७८६,८०४. जी ३४५८,४६०,४६२, गल [गल] ओ० ५७. जी० ३१५६७ ५२०,५५४,५६२ गवक्ख [गवाक्ष] जी० ३।६०४ +गा [ग]-गायंति. रा० ११५. जी० ३।४४७. गवाखजाल [गवाक्षजाल] रा० १३२,१६१. --गिज्जइ. रा० ७८३ जी० ३।२६५,३०२ गाउय [गव्यूत, गव्यूति] ओ० १६५. गवच्छिय [दे० आच्छादनम्] रा० १५३. जी० ११८८,६०,१०३,१२१,१२४,१३०; जी० ३१३२६ ३।१०७,७८८,६१८,१०२२ गवल [गवल] ओ० ४७. रा० २५. जी० ३।२७८ गाढ [गाढ] रा० ७७४ गवेलग [गवेलक] ओ० १,१४,१४१. गात [गात्र] जी० ३४५१,४५७,६०२,८६०,८६६, ___ रा० ६७१,७४४,७६६ ८७२,८७८ गवेसण [गवेषण] ओ० ११७,११६,१५६ गातलटि [गात्रयष्टि] जी० ३।५६७ गवेसणया [गवेषणा] रा० ७६५,७७४ गाया [गाथा] जी० ३८८ गवेसि [गवेषिन्] रा० ७७४ गाषा [गाथा] जी० ३।६३१ गह [ग्रह ] ओ०५०,६३,१६२. रा० १२,७६,१७३, २६१,२६३ से २६६,३००,३०५,३१२,३५५. गाम [ग्राम] ओ १,२८,२६,४६,६८,८६ से ६३, ९५,९६,१५५.१५८ से १६१,१६३,१६८. जी०२।१८; ३।२८५,६३१,७०३,८०६, रा० ६६७,७८७,७८८. जी० ३१६०६,६३१, ८३८१३,६,६,२२,२६,३०,८४५,१०२०,१०२१, १०२६,१०३७,१०३८ ८४१ गहअवसव्व [ग्रहापसव्य] जी० ३१६२६ गामकंटग [ग्रामकण्टक] ओ० १५४,१६५,१६६. गहगज्जित [ग्रहगजित] जी० ३१६२६ रा०८१६ गहगण [ग्रहगण] रा०१२४. जी० ३१५८६, गामदाह [ग्रामदाह] जी० ३१६२६ ८३८।१०,२१,८४१,८४२,१०२० गाममारी [ग्राममारी] जी० ३।६२८ गहजुद्ध [ग्रहयुद्ध] जी० ३।६२६ गामरोग [ग्रामरोग] जी० ३१६२८ सार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003554
Book TitleUvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1987
Total Pages854
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size17 MB
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