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________________ वीसइमं सतं (पंचमो उद्देसो) ८१३ सिय हालिए य सुक्किलए य ४, एवं एए दस दुयसंजोगा भंगा पुण चत्तालीसं । इतिवणे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियगाय, ३. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य, ४. सिय कालगाय नीलए य लोहियए य, एए भंगा ४, एवं कालानीलाहालिएहिं भंगा ४, कालनीलसुक्किल ४, काललोहियहालिद्द ४, काललोहियसुक्किल ४, कालहा - लिक्किल ४, नीललोहिसहालिद्दगाणं भंगा ४, नीललोहियसुक्किल ४, नीलहाल सुक्कल ४, लोहियहालि सुक्किलगाणं भंगा ४, एवं एए दसतियासंजोगा, एक्क्के संजोए चत्तारि भंगा, 'सव्वे एते " चत्तालीसं भंगा । जइ चउवण्णे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिइए य, २ . सिय कालए य नीलए य लोहियए य सुक्किलए य, ३. सिय कालए य नीलए य हालिए य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य लोहियए हालिद्दए य सुक्किलए य, ५. सिय नीलए य लोहियए य हालिए य सुक्किलए य, एवमेते चउक्कगसंजोगे पंच भंगा। एए सब्वे नउई भंगा । जइ एगगंधे ? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे । जइ दुगंधे ? सुब्भिगंधे य दुभिगंधे य रसा जहा वण्णा । जइ दुफासे ? जहेव परमाणुपोग्गले ४ । जइ तिफासे ? १ सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लक्खे, २. सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लक्खे, ४. सव्वे सीए देसा निद्धा देसा लुक्खा, सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे, एवं भंगा ४, सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे ४, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उस ४, एए तिफासे सोलस भंगा । जइ चउफासे ? १. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा दे लुक्ख, ४. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसा लुक्खा, ५. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे, ६. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा, ७. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे, ८. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा, ६. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा सा लुक्खा, सव्वे एते फासेसु छत्तीसं भंगा ॥ ३०. पंचपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० ? जहा अट्ठारसमसए जाव' सिय चउफासे पण्णत्ते । जइ एगवण्णे ? एगवण्ण-दुवण्णा जहेव चउप्पएसिए । जइ तिवण्णे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए १. सव्वेते ( अ, क, ख, ब, म, स ) । Jain Education International १. भ० १८ ।११५ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003552
Book TitleAngsuttani Part 02 - Bhagavai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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