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________________ भगवई २२२. आया भंते ! चउप्पएसिए खंधे ? अण्णे "चउप्पएसिए खंधे ? ० गोयमा ! चउप्पएसिए खंधे १. सिय पाया २. सिय नोग्राया ३. सिय अवत्तव्वं--प्रायाति य नोग्रायाति य ४-७. सिय पाया य नोपाया य ८-११. सिय आया य अवत्तव्वं १२-१५. सिय नोपाया य अवत्तव्वं' १६. सिय पाया य नोपाया य अवत्तव्वं-पायाति य नोग्रआयाति य १७. सिय पाया य नोग्राया य अवत्तव्वाई -आयामो य नोआयायो य १८. सिय आया य नोआयाओ य अवत्तव्वं-आयाति य नोग्रायाति य १६. सिय पायायो य नोग्राया य अवत्तव्वं -आयाति य नोग्रायाति य ।। २२३. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-चउप्पएसिए खंधे सिय आया य नोभाया य अवत्तव्वं-तं चेव अद्वे पडिउच्चारेयव्वं ? गोयमा ! १. अप्पणो आदिट्टे पाया २. परस्स आदितु नोआया ३. तदुभयस्स आदिट्रे अवत्तव्यं -प्रायाति य नोभायाति य ४-७. देसे आदितु सब्भावपज्जवे देसे आदित असब्भावपज्जवे चउभंगो ८-११. सब्भावेणं तदुभयेण य च उभंगो १२-१५. असब्भावेणं तदुभयेण य चउभंगो १६. देसे आदितु सब्भावपज्जवे देसे आदितु असब्भावपज्जवे देसे आदितु तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नोपाया य अवत्तव्वं - आयाति य नोप्रायाति य १७. देसे आदितु सब्भावपज्जवे देसे आदितु असब्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा चउप्पएसिए खंधे आया य नोपाया य अवत्तव्वाइं--प्रायानो य नोआयाओ य १८. देसे आदिने सम्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा असब्भावपज्जवा देसे आदितु तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंध पाया य नोग्रायाग्रा य अवत्तव्व--आयाति य नोग्रआयाति य १६. देसा आदिट्टा सब्भावपज्जवा देसे आदिढे असब्भावपज्जवे देसे आदि? तदभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे प्रायानो य नोआया य अवत्तव्वं - अायाति य नोआयाति य । से तेण?णं गोयमा ! एवं वुच्चइ-चउप्पएसिए खंधे सिय पाया सिय नोपाया सिय अवत्तव्वं-निक्खेवे ते चेव भंगा उच्चारेयव्वा जाव आयाति य नोग्रायाति य ॥ २२४. प्राया भंते ! पंचपएसिए खंधे ? अण्णे पंचपएसिए खंधे ? गोयमा ! पंचपएसिए खंधे १. सिय आया २. सिय नोग्राया ३. सिय अवत्तव्वं -आयाति य नोआयाति य ४-७. सिय प्राया य नोमाया य ८-११. सिय पाया य अवत्तव्वं १२-१५. नोआया य अवत्तव्वेण य' १६. "सिय पाया य नोग्राया -- १. सं० पा०-पुच्छा। २. एकवचन-बहुवचनभेदात् भङ्गाः । चत्वारश्चत्वारो ३. एकवचन-बहुवचनभेदात् चत्वारश्चत्वारो भङ्गाः । ४. सं० पा०-तियगसंजोगे एक्को न पडइ; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003552
Book TitleAngsuttani Part 02 - Bhagavai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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