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छवीसइमं सत (बीओ उद्देसो)
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२४. सम्मामिच्छादिट्ठी-पुच्छा ।
गोयमा ! अत्थेगतिए बधी न बंधइ बंधिस्सइ, अत्भेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ । नाणी जाव' मोहिनाणी चत्तारि भंगा ॥ मणपज्जवनाणी-पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए बंधी न वंधइ न बंधिस्सइ। केवलनाणे चरिमो भंगो। एवं एएणं कमेणं नोसण्णोवउत्ते बितियविहूणा जहेव मणपज्जवनाणे। अवेदए अकसाई य ततिय-च उत्था जहेव सम्मामिच्छत्ते । अजोगिम्मि चरिमो, सेसेसु पदेसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोव उत्ते।। नेरइए णं भंते ! श्राउयं कम्म कि बंधी .. पूच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए चत्तारि भंगा, एवं सव्वत्थ वि नेरइयाणं चत्तारि भंगा, नवरं-कण्हलेस्से कण्हपक्खिए य पढम-ततिया भंगा; सम्मामिच्छत्ते ततियचउत्था । असुरकुमारे एवं चेव, नवरं-कण्हलेस्से वि चत्तारि भंगा भाणियब्वा, सेसं जहा नेरइयाणं । एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढविक्काइयाणं सव्वत्थ वि
चत्तारि भंगा, नवरं --कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा ।। २७. तेउलेस्से-- पुच्छा।
गोयमा ! बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, सेसेसु सव्वत्थ चत्तारि भंगा। एवं ग्राउक्काइय-वणस्सइकाइयाण वि निरवसेसं । तेउकाइय-वाउक्काइयाणं सव्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा। बेइंदिय-तेइंदिय-चउरिदियाणं पि सव्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा, नवरं-सम्मत्ते, नाणे, आभिणिवोहियनाणे सुयनाणे ततियो भंगो। पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा, सम्मामिच्छत्ते ततियच उत्थो भंगो। सम्मत्ते, नाणे, आभिणिबोहियनाणे, सुयनाणे, रोहिनाणेएएसु पंचसु वि पदेसु वितियविहूणा भंगा, सेसेसु चत्तारि भंगा । मणुस्साणं जहा जीवाणं, नवरं-सम्मत्ते, रोहिए नाणे, आभिणिबोहियनाणे, सुयनाणे, प्रोहिनाणे-एएसु बितियविहूणा भंगा, सेसं तं चेव । वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया
जहा असुरकुमारा । नाम गोयं अंतरायं च एयाणि जहा नाणावरणिज्जं ॥ २८. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ॥
बीओ उद्देसो विसेसितनेरइयादीणं बंधाबंध-पदं २६. अणंतरोववन्नए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी-पुच्छा तहेव ।
गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, पढम-बितिया भंगा॥
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