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ठाणं
मणुस्स-पदं २०. छविहा मणुस्सा पण्णत्ता, तं जहा-जंबूदीवगा, धायइसंडदीवपुरथिमद्धगा,
धायइसंडदीवपच्चत्थिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपुरथिमद्धगा, पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धगा, अंतरदीवगा। अहवा-- छव्विहा मणुस्सा पण्णत्ता, तं जहा-समुच्छिममणुस्सा-कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा, अंतरदीवगा; गब्भवक्कंतिअमणुस्सा-कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा,
अंतरदीवगा ॥ २१. छव्विहा इड्डिमंता मणुस्सा पण्णत्ता, तं जहा-अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा,
वासुदेवा, चारणा, विज्जाहरा ॥ २२. छव्विहा अणिड्डिमंता मणुस्सा पण्णत्ता, तं जहा-हेमवतगा, हेरण्णवतगा,
हरिवासगा', रम्मगवासगा', कुरुवासिणो, अंतरदीवगा ।। कालचक्क-पदं २३. छव्विहा ओसप्पिणी पण्णत्ता, तं जहा-सुसम-सुसमा', 'सुसमा, सुसम-दूसमा,
दूसम-सुसमा, दूसमा°, दूसम-दूसमा ।। २४. छव्विहा उस्सप्पिणी पण्णत्ता, तं जहा-दुस्सम-दुस्समा', 'दुस्समा, दुस्सम
सुसमा, सुसम-दुस्समा, सुसमा°, सुसम-सुसमा ॥ २५. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसम-सुसमाए समाए
मणुया छ धणुसहस्साई उड्डमुच्चत्तेणं हुत्था, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं
पालयित्था ॥ २६. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु इमीसे ओस प्पिणीए सुसम-सुसमाए समाए
५"मणुया छ धणुसहस्साई उड्डमुच्चत्तेणं पण्णत्ता, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं
पालयित्था ॥ २७. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु आगमेस्साए उस्सप्पिणीए सुसम-सुसमाए
समाए "मणुया छ धणुसहस्साइं उड्डमुच्चत्तेणं भविस्संति °, छच्च अद्धपलि
ओवमाइं परमाउं पालइस्संति ॥ २८. जंबुद्दीवे दीवे देवकुरु-उत्तरकुरुकुरासु' मणुया छ धणुस्सहस्साइं उड्ढं उच्चत्तेणं
पण्णत्ता, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाणु पालेति ॥
१,२. °वंसगा (क, ग); ° वसगा (ख); २।२६६
सूत्रानुसारेण 'वास' पाठः स्वीकृतः । ३. सं० पा०-सुसमसुसमा जाव दूसमदूसमा। ४. सं० पा०-दुस्समदुस्समा जाव सुसमसुसमा।
५. सं० पा०-एवं चेव । ६. सं० पा०–एवं चेव जाव छच्च । ७. उत्तरकुराकुराए (ख) ।
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