________________ चउत्थं अज्झयणं : चतुर्थ अध्ययन छज्जीवणिया : षड्जीवनिका षड्जीवनिकाय : नाम, स्वरूप और प्रकार 32. सुयं मे आउसं! तेण भगवया एवमक्खायं-इह खलु छज्जीवणिया नामझियणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुयक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहिज्जिउं अज्झयणं धम्मपन्नती // 1 // 33. "कयरा खलु सा छज्जीबणिया णामऽज्यणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुयक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहिन्जिउं अज्झयणं धम्मपन्नत्ती?" // 2 // 34. इमा खलु सा छज्जीवणिया नामायणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुयक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहिज्जिउं अज्झयणं धम्मपन्नती। तं जहा---पुढविकाइया 1, आउकाइया 2, तेउकाइया 3, वाउकाइया 4, वणस्सइकाइया 5, तसकाइया 6 // 3 // 35. पुढवि चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा* पुढो सत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं // 4 // 36. आउ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढो सत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं // 5 // 37. तेउ चित्तमंतमक्खाया अगजीवा पुढो सत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं // 6 // 38. वाउ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढो सत्ता अन्नस्थ सस्थपरिणएणं // 7 // 36. वणस्सइ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढो सत्ता अन्नस्थ सत्थपरिणएणं, तं जहाअग्गबीया मूलबीया पोरबीया खंधबीया बीयरुहा सम्मुच्छिमा तणलया वणस्सइकाइया सबीया, चित्तमंतमक्खाया प्रणेगजीवा पुढो सत्ता अन्नत्थ सस्थपरिणएणं // 8 // 40. से + जे पुण इमे अणेगे बहवे तसा पाणा, तं जहा-अंडया पोयजा जराउया रसया संसेइमा सम्मुच्छिमा उब्भिया उववाइया जेसि केसिंचि पाणाणं अभिक्कतं पडिक्कतं संकुचियं पसारियं रुयं भंतं तसियं पलाइयं, आगइ-गइ-विन्नाया, जे य कीड-पयंगा, जा य कुथु-पिवीलिया, सब्वे बेइंदिया, सम्वे तेइंदिया, सव्वे चरिदिया, सव्वे पंचिदिया, सम्वे तिरिक्खजोणिया, सव्वे नेरइया, सव्वे मणुया, सव्वे देवा, सव्वे पाणा परमाहम्मिया / एसो खलु छट्ठो जीवनिकाओ तसकायोति पवुच्चइ // 9 // -.. * पाठान्तर--..-'अणेगे जीवा' + वृद्ध विवरण में अधिक पाठ-"तसा चित्तमंता अक्खाया अणेगजीवा पुढो सत्ता अग्णस्थ सत्थपरिणएणं।" -- दशवै. मूलपाठ टिप्पणयुक्त, पृ. 7 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org