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________________ सूत्रांक विषय पृष्ठांक नवनिमित ग्राम, उपनगर आदि में प्रवेश करने का प्रायश्चित्त 135-136 ग्रामादि शब्दों की व्याख्या, शब्दों की संख्या एवं क्रम की विचारणा, निर्णीत क्रम, नवनिर्मित का आशय एवं दोष / नवनिमित खान में प्रवेश करने का प्रायश्चित्त 137 सूत्र का आशय, दोष विराधना एवं विवेक / 33-35 वीणा बनाने एवं बजाने का प्रायश्चित्त 137-138 वीणा स्वरूप, बजाने का हेतु, विराधना, सूत्र संख्या निर्णय / 36-38 दोष वाली शय्या में प्रवेश करने का प्रायश्चित 138-144 उद्देश, पाहड और परिकर्म शब्द का सामान्य परिचय, भाष्य के आधार से विशेष व्याख्या, संक्षिप्त सारांश, वर्तमान में उपलब्ध शय्याओं के सदोष निर्दोष की गवेषणा का शिक्षण तीन विभागों से, पाट की गवेषणा का शिक्षण तीन विभागों द्वारा। पाट की गवेषणा के सम्बन्ध में उपलब्ध आगम विषय उसकी कालांतर से कल्पनीयता, वर्तमान जैन फिरकों की अपेक्षा से गवेषणा-ज्ञान / 'संभोग-प्रत्ययिक-क्रिया नहीं मानने का प्रायश्चित्त 144 इस क्रिया का स्वरूप और कर्मबंध एवं विवेक ज्ञान / 40-42 उपधि परठने के अविवेक का प्रायश्चित्त 144-146 प्रलं, थिर, धुवं, धारणिज्जं का व्याख्यार्थ, पादपोंछन एवं रजोहरण की भिन्नता, परठने सम्बन्धी विवेक ज्ञान, सूत्र-विचारणा, क्रिया-विचारणा / 43-52 रजोहरण सम्बन्धी विधि-विधान भंग करने के प्रायश्चित्त 146-149 रजोहरण स्वरूप, परिमाण कैसा, सूक्ष्म शीर्ष, कंडूसग बंधन आदि प्रमुख शब्दों की व्याख्या, दसों सूत्रों के स्पष्टार्थ, ग्यारहवें सूत्र का भ्रम / उद्देशक का सूत्र क्रमांक युक्त सारांश 150 उपसंहार 150-151 उद्देशक 6 1-78 अब्रह्म के संकल्प से किए जाने वाले कृत्यों के प्रायश्चित्त 152-157 "माउग्गाम" का अर्थ, "विण्णवण' स्वरूप, ब्रह्मचर्यव्रत की दुष्करता के आगम वर्णन, व्रत में उत्साहित करने के आगम वर्णन, शिक्षा, सूत्राशय, गोपनीयता और वर्तमान युग, विवेक, लेखन पद्धति की आगम से सिद्धि / उद्देशक का सूत्र क्रमांक युक्त सारांश 157 ( 80 ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003492
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1991
Total Pages567
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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