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________________ 394] [निशीथसूत्र 28. जे भिक्खू पंकगओ थलगयस्स असणं वा, पाणं वा, खाइम वा, साइमं वा पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ। 29. जे भिक्खू थलगओ गावागयस्स असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ। 30. जे भिक्खू थलगओ जलगयस्स असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ। 31. जे भिक्खू थलगओ पंकगयस्स असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा पडिग्गाहेइ, पडिम्गाहेंतं वा साइज्जइ / 32. जे भिक्खू थलगओ थलगयस्स असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ / 1. जो भिक्षु बिना प्रयोजन नावा पर बैठता है या बैठने वाले का अनुमोदन करता है। 2. जो भिक्षु नावा खरीदता है, खरीदवाता है या खरीदी हुई नावा दे तो उस पर बैठता है या बैठने वाले का अनुमोदन करता है / 3. जो भिक्षु नावा उधार लेता है, उधार लिवाता है या उधार ली हुई नावा दे तो उस पर बैठता है या बैठने वाले का अनुमोदन करता है / 4. जो भिक्षु नावा को अदल-बदल करता है, करवाता है और अदल-बदल की हुई नावा दे तो उस पर बैठता है या बैठने वाले का अनुमोदन करता है / 5. जो भिक्षु छीनकर ली हुई, थोड़े समय के लिए लाकर दी हुई और सामने लाई गई नावा पर बैठता है या बैठने वाले का अनुमोदन करता है। 6. जो भिक्षु स्थल से नावा को जल में उतरवाता है या उतरवाने वाले का अनुमोदन करता है। ___7. जो भिक्षु जल से नावा को स्थल पर रखवाता है या रखवाने वाले का अनुमोदन करता है। 8. जो भिक्षु पानी से पूर्ण भरी नावा को खाली करवाता है या खाली करवाने वाले का अनुमोदन करता है। 9. जो भिक्षु कीचड़ में फंसी नावा को निकलवाता है या निकलवाने वाले का अनुमोदन करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003492
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1991
Total Pages567
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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