________________ ॐ अहं जिनागम-प्रन्यमाला : ग्रन्थाङ्क 21 [ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्रीजोरावरमलजी महाराज की पुण्य-स्मृति में आयोजित ] निरयावलिकासूत्र [ कप्पिया, कप्पडिसिया, पुल्फिया, पुष्फचूलिया, यहिदसा ] प्रेरणा 0 उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व० स्वामी श्रीवजलालजी महाराज प्राद्यसंयोजक तथा प्रधान सम्पादक। (स्व०) युवाचार्य श्रीमिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' अनुवादक-सम्पादक। देवकुमार शास्त्री मुख्य सम्पादक 0 पं. शोमाचन्द्र भारिल्ल प्रकाशक / श्री प्रागमप्रकाशन समिति, ज्यावर (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org