________________ 234 ] [ राजप्रश्नीयसूत्र 207 71,101, 107 9 93 207 25, 32, 63 119 77 78 184 mmsm Um 87 131, 142, 202 वइरागर 195 वामणिया वक्खारपव्वय 108 वाय वग्धारिय 6, 32 वायकरग वच्चघर 172 वारिसेण वट्टखेड्ड 208 वारुणिया वट्टवेयड्डपव्वय 108 वारुणोयग वडभिया 207 वालग वडिसय 62 वालरूवय वणत्थि 184 वालुया वणसंड 88,96, 147, 199, 200, 201 वाविया वणिच्छित्त वासवद्दलग वणोवजीवी वासहरपव्वय वत्थ 144, 203 वासंतिमंडवग वत्थविहि वासंतियलया वत्थी वासिक्कछत्त वत्थुविज्जा वाहण वद्धमाण विउलमई वद्धमाणग 27, 37 विच्च वनलया 70 विजयदूस वन्नपज्जव 87 विज्जाहर वन्नारुहण 117 विडिमा वप्पिण विवत वयणमाला वियडावाति वयर वियालचारी वयरविक्कणण 195 विलास वरदाम 108 विलेवणविहि वरिसधर 207 विलंबियनट्टविहि ववसाय 116 विवच्चास ववसायसभा 103, 104, 116, 121 विवणि ववहारग 189 विवर ववहारी 189 विसप्पभोग वाइन 12, 208 विसप्पजोग वाउकाय 190 विससंजुत्त वाउयाय 190 विहग वाणमंतर 18, 40 विहंगिया वाम 189, 197, 198 वूह M 25, 32, 63 10 208 111 186 0 0 0 203 25, 32, 63 181 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org