________________ 208 230 ] [ राजप्रश्नीयसूत्र पायतल 100 पुप्फपडलग 20, 101, 107 पायत्त 111 पुष्फवद्दल 20 पायत्ताणियाहिवइ 22, 23 पुष्फारुहण 117, 116 पायपीढ 13, 33, 152 पुर 131, 202 पायपुछण 144 पुरिस 156, 179, 180, 181, 182, 185 पायबद्ध 77 पुरिसआसीविस पायरास 134 पुरिसलक्खण पायसीसग 33, 68 पुरिसवरगंधहत्थी 8, 13, 118 पारसी 207 पुरिसवरपुडरीअ 8, 13, 118 पारिणामिया 131 पुरिससीह 8, 13, 118 पारेकव्व 208 पुरोहि पालियाय 29 पुलग पालंब 13 पुलिंदी 207 पावसउण 147 पेच्छाघरमंडव 62,93, 119, 120 पासग पोत्थयरयण 103, 116, 121 पासावच्चिज्ज 136, 138, 140, 146, 159 पोसह 144 पाहुड 133, 134,145 पोसहसाला 203 167 पोसहोववास 201 पिउ 179, 180 पिच्छणघरग 81 पंचविहनाण 160 पिच्छाघर 32 पंचाणुवइम 142 पिच्छाघरमण्डव 47 पंडगवण 77, 108 पित्तजर 160 पिहुणमिजिया पंथियपहिय 201 पीइदाण 152, 167 पुंडरीय 108 पीढ 144, 148, 146, 151, 167 पोंडरीय पीढमद्द 175 फरसु पुक्खरगय 208 फरिस 6, 136, 169 पुक्खरिणी 78, 65, 96, 104, 121 फलग 26, 70, 96, 17, 144, 148, 149, पुक्खरोदय 108 151, 167 पुग्गल फलहसेज्जा 212 177, 178 फलिह पुढवीसिलापट्टग फलिहरयण पुत्त फलिहा पुप्फचंगेरी 20, 107 फालिन 184, 185 पुष्फछज्जिय 20 फासपज्जव 87 पिअ 163 पंचकंडग 203 पंथ 27 पुढवी 7, 82 202 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org