________________ 216] [राजप्रश्नीयसूत्र 51 . . Ww 51 तंती तूबवीणा थिमियामेव उन्नमंति थिमियामेव प्रोनमंति दद्दरग दद्दरिका दप्पण दिदु तिम दुत (य)विलंबित दुय दुयणाम दुहोचक्कवाल दुदुभी-दुदुही नउल 51 पच्चावड पज्ज पडह पच्चिसू. पणव पयबद्ध पयसंचार 58, 112 परिनिव्वाणचरिअ 55, 111 परिल्ली परिवायणी पल्लवपविभत्ति पवाएंसु पविभत्ति पसारिअ पसेढी पाडतिअ 606 pow0G 19 m More 54 57 53 112 नट्ट 52 पाडितिम 111 पायबद्ध 77 47 48 पायत्ताण पायंत पिरिपिरिया पिरीपिरीया पिरीपिरीयावायग पुवभवचरिअ 116 58,77 51 53 عر م م पूस م पेया नट्टविधि नट्टविहि नट्टसज्ज नट्टसज्जा नर नागमंडल नागरपविभत्ति नागलयाप० नाडय नाणुप्पायचरित्र निक्खमणचरित्र नंदापविभत्ति नंदिघोसा नंदियावत्त नंदीमुइंग पउमपत्त पउमलया पउमलयापविभत्ति पकारवग्ग पगाइंसु م ع xxx. م ل पेयावायग फुट्टिज्जंती फुल्लावलि फमिज्जंत 51 बत्तीसइबद्धनट्टविहि 53 बत्तीसइबद्धनाडय बद्धग बद्धीस 55 बालभावचरित्र 50 भद्दासण 59, 150, 195 ل Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org