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________________ परिशिष्ट विशिष्ट-शब्द सूची [प्रस्तुत परिशिष्ट में उन्हीं शब्दों को संगृहीत किया गया है, जो बहु प्रचलित नहीं हैं। प्रत्येक पृष्ठ के सामने वह पृष्ठाङ्क अंकित किया गया है, जिस पृष्ठ पर उस शब्द का प्रयोग हुआ है। प्रस्तुत संस्करण अर्थ-सहित है ही, अतएव शब्दों का अर्थ सामने लिखित पृष्ठ पर देखा जा सकता है / ग्रन्थ में एक-एक शब्द अनेकानेक स्थलों पर प्रयुक्त हुआ है, किन्तु यहाँ उन सब स्थलों का उल्लेख करना आवश्यक न समझ कर केवल एक स्थल का ही उल्लेख किया गया है / ] 9 अइपडाग अकन्त अकारण अक्खयनिहि अगड अग्गिन अग्गिप्पयोग अच्छि अज्झत्थिन अज्झवसाण अझोववन्न अट्ट अट्ठमभत्त अट्ठमी अठि अड्ढ अणगारिया अणसण अणहारम अणाह अणि ? अणुपुव्वेणं प्रणमग्गजाय अलग्ग 60 अणुवासणा 20 अणोहट्टिय 18 अण्डयवाणियय 85 अतुरियं अत्तम अत्ताण अत्थ अथव्वणवेय अथाम 37 अदूरसामंत 37 अदंडिमकुदंडिम 20 अधम्मिए 124 अरिमं 124 अधाण 106 अन्तर 26 अन्तरा अन्तेउर 127 अन्तेवासी अन्धारूव अप्पसो 20 अप्पिय अबी 13 अब्भङ्ग 12 अभितरप्पवह MONYour M N MXN X Wor me 00000GR0G GAS COMKOM 24 73 ا ر Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003479
Book TitleAgam 11 Ang 11 Vipak Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages214
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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