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________________ विशिष्ट शब्दों एवं नामों का कोश] [311 127 संठाण संडासतोंड संथवो संधिच्छेय संपाउप्पायको संदण 143 143 22 संबह 141 13 संबर संभारो संस्थान-शारीरिक आकृति संडास की आकृति की तरह मुंह वाला जीव बाह्य पदार्थों का अधिक परिचय, परिग्रह का 22 वां नाम खात खोदने वाला झूठ आदि पाप को करने वाला, परिग्रह का 18 वा नाम युद्धरथ तथा देवरथ संबाध, बस्ती विशेष सांभर संभार, जो अच्छी तरह से धारण किया जाय, परिग्रह का छठा नाम सम्मूच्छिम, बिना गर्भ के उत्पन्न होने वाला जीव संबर, अहिंसा का 42 वां नाम हिसा का एक नाम मैथन का एक नाम पसीने से पैदा होने वाला जीव संरक्षणा–मोहवश शरीर आदि की रक्षा करना, परिग्रह का 16 वां नाम 143 162 संमुच्छिम संवरो संवट्टगसंखेवो संसग्गि संसेइम संरक्खणा 143 सींग सिंग सुसुमार or orw م سه ام हत्थि हत्थिमड हणि हणि हत्थंदुय जलचर जन्तुविशेष काष्ठ का खोड़ा हाथो हाथी का कलेवर प्रतिदिन हस्तान्दुक, एक प्रकार का बन्धन घोड़ा ह्रदपुण्डरीक पक्षी चाण्डाल 3 हय हयपुडरिय हरिएसा SourcNNNN हास्य हस्स हितयंत हिमवंत हिरण होण होणसत्ता हृदय और प्रांत इस नाम का पर्वत चांदी हीन सत्त्व से रहित 213 241 हुलियं शीघ्र हूण नामक जाति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003478
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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