________________ [प्रश्नम्याकरणसूत्र 302] मणगुत्ते मणपज्जवनाणी मणि मत्थुलिंग मयणसाल मनोगुप्त मनःपर्यवज्ञानी चन्द्रकान्त आदि मस्तुलिंग 248 167 200 मैना शहद मधु 242 47 231 257 मम्मण मय मयूर मरहट्ठ मरुय मरूया मलय मल्ल मसग महप्पा महव्वय 25 2. 77 220 महाकुंभ 32 68 122 अस्पष्ट उच्चारण करने वाला मद मोर महाराष्ट्र देश मरुमा मरुक देश मलय देश पहलवान मशक, मच्छर महात्मा महाव्रत बड़ी कुंभी राजमार्ग महाशकुनि और पूतना के शत्रु अपरिमित याचना वाला, परिग्रह का 14 वा नाम तीव्र इच्छा, परिग्रह का एक नाम भैसा मधुमक्खी मधु के छत्ते मधु लेने वाला महुर देश महर्षि बड़ा सर्प ढाल मनुषोत्तर पर्वत माया---कपट माया-मृषा हिंसा का ७वां नाम मारुत-वायु मालव देश महापह महासउणिपूतनारिपु महादि महिच्छा महिस महुकरी महुकोसए महुघाय महुर 143 143 महेसी WWG00 CP00 MKKKA महोरग मादि माणुसोत्तर माया मायामोसो मारणा मारुय मालव 1 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org