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________________ 296] [प्रश्नव्याकरणसूत्र AM दिलिवेढय दीविय दीविय दीहिया दुकयं दुग्गइप्पवायो xxx 258 दुहण देवई (की) देवकुल दोणमुह दोणि दोवई दोहग्ग दंतहा दसण दंसमसग धणित धत्तरिटुग धमण धमणि धिती धूम नक्क नगरगोत्तिय नद्रक जलीय जन्तुविशेष चीता एक प्रकार की चिड़िया बावड़ी दुष्कृत हिंसा का एक नाम दुग्ध द्र घन - वृक्षों को गिराने वाला मुद्गर दूहना . देवकी रानी देवमन्दिर जलमार्ग और स्थलमार्ग दोनों से जाने योग्य नगर छोटी नौका द्रौपदी. दुर्भाग्य दांत के लिए सामान्य बोध, श्रद्धागुण डांस-मच्छर अत्यर्थ धार्तराष्ट्र--हंस विशेष भैंस आदि के देह में हवा भरना नाडी धृति-अहिंसा का 28 वां नाम धूम---आहारसंबंधी एक दोष जलजन्तु विशेष नगररक्षक नर्तक नट नख लोहे का बाण निष्क्रिय लोहे की बेडी वणिकों का निवासस्थान निर्गुण नित्य हिंसा का 28 वां नाम नास्तिकवादी rur me or our Wom dr or mr.uxxx MAX 42 16 161 245 255 255 नड नह नाराय निक्कियो निगड निगम निग्गुणो निच्चो निज्जवणा नथिकवादिणो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003478
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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