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________________ 284] [प्रश्नव्याकरणसूत्र 84 25 132 143 21 104 दुकान आदियणा चोरी आभासिय आभाषिक देश आभियोग वशीकरण प्रादि प्रयोग आमेलग कलंगी आमोसहि एक प्रकार की लब्धि आयरो वस्तुओं में प्रादर बुद्धि रखना, परिग्रह का 21 वां नाम आयतण स्थानविशेष पायतणं प्रायतन-अहिंसा का 47 वां नाम प्रायासो खेद का कारण, परिग्रह का 24 वां नाम आयाणभंडनिक्खेवणासमित-आदान-भांड-मात्र-निक्षेपणा समिति बाला आउयकम्मस्सुवद्दवो आयुःकर्मण उपद्रव-हिंसा का 12 वां नाम प्रारव अरब देश आराम बगीचा पारिय आर्य आपण आवसह परिव्राजकों का आश्रम आविधण मंत्रप्रयोग प्रासम प्राश्रम आसत्ती आसक्ति, परिग्रह का एक नाम प्रासालिया जीवविशेष आहाकम्म साधु के निमित्त निर्मित आहेवण मंत्रविशेष इक्कडं इकड जाति का घास इवखुगार इषुकार पर्वत इब्भ बड़ा श्रेष्ठी इंगाल अंगार-माहार का एक दोष इंदकेतु इन्द्रकेतु ईसत्थ शस्त्र पकड़ने की कला ईरियासमित ईर्यासमिति-गमन संबंधी सावधानी से युक्त उक्कोस एक जाति का पक्षी उक्खल ऊखल उज्जुमई ऋजुमति नामक मनःपर्यवज्ञानी उञ्छ भिक्षा उट्ट ऊंट उडुपति चन्द्रमा 143 14 207 73 208 146 146 245 117 140 248 15 22 167 178 141 217 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003478
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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