________________ 132 1 [ प्रश्नध्याकरणसूत्र : शु. 1, अ. 4 (6) स्वस्तिक (10) तोरण (11) सर (12) सिंह (13) वृक्ष (14) चक्र (15) शंख (16) गजहाथी (17) सागर (18) प्रासाद (16) मत्स्य (20) यव (21) स्तम्भ (22) स्तूप (23) कमण्डलु (24) पर्वत (25) चामर (26) दर्पण (27) वृषभ (28) पताका (26) लक्ष्मी (30) माला (31) मयूर और (32) पुष्प / ' अकर्मभूमिज नारियों की शरीर-सम्पदा ८९-पमया वि य तेसि होंति सोम्मा सुजायसव्वंगसुदरीओ पहाणमहिलागुणेहि जुत्ता अइकंतविसप्पमाणमउयसुकुमालकुम्मसंठियसिलिट्ठचलणा उज्जुमउयपीवरसुसाहयंगुलीओ अब्भुण्णयरइयतलिणतंबसुइणिद्धणखा रोमरहियवट्टसंठियअजहण्णपसत्थलक्खणअकोप्पजधजुयला सुणिम्मियसुणिगूढजाणू मंसलपसत्थसुबद्धसंधी कयलोखंभाइरेकसंठियणिव्वणसुकुमालमउयकोमलअविरलसमसहियसुजायवट्टपीवरणिरंतरोरू अट्ठावयवीइपट्ठसंठियपसस्थविच्छिण्णपिहुलसोणी वयणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसलसुबद्धजह्णवरधारिणीओ बज्जविराइयपसत्थलवखणणिरोदरीओ तिलिवलियतणुणमियमशियाओ उज्जुयसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्ध-आइज्जलडहसुकुमालमउयसुविभत्तरोमराईओ गंगावत्तगपदाहिणायत्ततरंगभंगरविकिरणतरुणवोहियअकोसायंत पउमगंभीरवियडणामी अणुभडपसत्यसुजायपीणकुच्छी सण्णयपासा सुजायपासा संगयपासा मियमायियपीणरइयपासा अकरंडुयकणगरुयगणिम्मलसुजायणिरुवह्यगायलट्ठी कंचणकलसपमाणसमसहियलट्ठचुचुयआमेलगजमलजुयलवट्टियपयोहराओ भुयंगअणुपुव्वतणुयगोपुच्छवट्टसमसहियणमियआइज्जलउहबाहा तंबणहा मंसलग्गहत्था कोमलपीवरवरंगुलिया णिद्धपाणिलेहा ससिसूरसंखचक्कवरसोस्थिय विभक्तसुविरइयपाणिलेहा / पीणुण्णयकक्खवत्थीप्पएसपडिपुण्णगलकवोला चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसगोवा मंसलसंठियपसत्थहणुया दालिमपुप्फप्पगासपीवरपलबकुचियवराधरा सुदरोत्तरोटा वधिदगरयकुदचंदवासंतिमउलअच्छिद्दविमलदसणा रत्तुप्पलपउमपत्तसुकुमालतालुजीहा कणवीरमउलअकुडिलअन्भुग्णयउज्जुतुंगणासा सारयणवकमलकुमुयकुवलयदलणिगरसरिसलक्खणपसत्थअजिम्हकंतणयणा आणामियचावरुइलकिण्हन्भराइसंगयसुजायतणुकसिणद्धभुमगा अल्लोणपमाणजुत्तसवणा सुस्सवणा पोणमट्टगंडलेहा चउरंगुलविसालसमणिडाला कोमुइरयणियर विमलपडिपुण्णसोमवयणा छत्तुण्णयउत्तमंगा अकविलसुसिणिद्धदोहसिरया / छत्त-ज्झय-जूव-थूभ-दामिणि-कमंडलु-कलस-वावि-सोत्थिय-पडाग-जव-मच्छ-कुम्भ-रहवरमकरज्झय-अंक- थाल- अंकुस-अट्ठावय- सुपइट्ठअमरसिरियाभिसेय- तोरण- मेइणि- उदहिवर- पवरभवणगिरिवर-वरायंस-सुललियगय-उसम-सोह-चामर-पसत्थबत्तीसलक्खणधरीओ हंससरिसगईओ कोइलमहरगिराओ कंता सव्वस्स अणुमयाओ ववगयवलिपलितवंग-दुव्वण्ण-वाहि-दोहग्ग-सोयमुक्काओ 1. प्र. व्या. सैलाना-संस्करण पृ. 225 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org