SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 175 180 अष्टम अध्ययन : रामकृष्णा 170 रामकृष्णा का भद्रोत्तरप्रतिमा तर 170 नवम अध्ययन : पितृसेनकृष्णा 172 पितृसेनकृष्णा का मुक्तावली तप 172 दशम अध्ययन : महासेनकृष्णा महासेनकृष्णा का नायंबिलवर्द्धमान तप निक्षेप : उपसंहार 177 परिशिष्ट-१ आगमन में वणित विशेष नाम तीर्थकर 180, 'जहा' शब्द से गृहीत व्यक्ति 180, पागम 180, प्रयुक्त व्यक्ति विशेष—मुनि आदि 180, देव विशेष 180, क्षत्रियवर्ण के व्यक्ति 180, वैश्य वर्ण के व्यक्ति 181, ब्राह्मण वर्ण के व्यक्ति 182, शूद्रवर्ण के व्यक्ति 182, मंडलो 182, पशू 182, तप 182, स्वप्न 182, नगरी 182, यक्षायतन 183, उद्यान 183, पर्वत 183, दक्ष 183, पुष्प-लतादि 183, धातुविशेष 183, भवनविशेष 183, बन्धन 183, वस्तु 183, यान 183, अलंकार 183, पक्वान्न 183, ग्रह 183, मरिणरत्नादि 183, क्षेत्र 184, परिशिष्ट-२ व्यक्ति परिचय इन्द्रभूति गौतम, कृष्ण, कोरिणक, चेल्लरणा, जम्बूस्वामी, जमालि, जितशत्रु, धारिणी, महाबलकुमार, मेघकुमार, स्कन्दकमुनि, सुधर्मास्वामी, श्रोणिक राजा, 185 भौगोलिक परिचय 191 काकंदी, गुणशील, चम्पा, जम्बूद्वीप, द्वारका, दूतिपलाश चैत्य, पूर्णभद्र चैत्य, भद्दिलपुर, भरतक्षेत्र, राजगृह. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003476
Book TitleAgam 08 Ang 08 Anantkrut Dashang Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Divyaprabhashreeji, Devendramuni, Ratanmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages249
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy