________________ 148 xxcxx 3 rx r rur or 164 ___ 6. भगवान महावीर का सान्निध्य 7. सकडालपुत्र पर प्रभाव 8. भगवान् का कुभकारापण में पदार्पण 9. नियतिवाद पर चर्चा 10. बोधिलाभ 11. संकडालपुत्र एवं अग्निमित्रा द्वारा ब्रत-ग्रहण 12. भगवान् का प्रस्थान 13. गोशालक का आगमन 14. सकडालपुत्र द्वारा उपेक्षा 15. गोशालक द्वारा भगवान् का गुण-कीर्तन 16. गोशालक का कूभकारापण में प्रागमन 17. निराशापूर्ण गमन 18. देवकृत उपसर्ग 19. अन्तःशुद्धि : आराधना : अन्त आठवां अध्ययन 1. सार : संक्षेप 2. श्रमणोपासक महाशतक 3. पत्नियां : उनकी सम्पत्ति 4. महाशतक द्वारा वतसाधना 5. रेवती की दुर्लालसा 6. रेवती की मांस-मद्य-लोलुपता 7. महाशतक : अध्यात्म की दिशा में 8. महाशतक को डिगाने हेतु रेवती का कामुक उपक्रम 9. महाशतक की उत्तरोत्तर बढ़ती साधना 10. अामरण अनशन 11. अवधिज्ञान का प्रादुर्भाव 12. रेवती द्वारा पुन : असफल कुचेष्टा 13. महाशतक द्वारा रेवती का दुर्गतिमय भविष्य-कथन 14. रेवती का दुःखमय अन्त 15. गौतम द्वारा भगवान् का प्रेरणा-सन्देश 16. महाशतक द्वारा प्रायश्चित्त [ 37 ] 174 175 176 178 IS 0 0 0 15 181 183 185 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org