________________ [अ] सामायिक-व्रत के अतिचार [8] देशावकाशिक-व्रत के अतिचार [8] पोषधोपवास-व्रत के अतिचार . [ड] यथासंविभाग-व्रत के अतिचार [6] मरणान्तिक संलेखना के अतिचार 14. प्रानन्द द्वारा अभिग्रह 15. आनन्द का भविष्य 16. आनन्द : अवधिज्ञान 6Ncxxxx KRWWW. दूसरा अध्ययन 1. सार : संक्षेप 2. श्रमणोपासक कामदेव 3. देव द्वारा पिशाच के रूप में उपसर्ग 4. हाथी के रूप में उपसर्ग 5. सर्प के रूप में उपसर्ग 6. देव का पराभव : हिंसा पर अहिंसा की विजय 7. भगवान् महावीर का पदार्पण : कामदेव द्वारा वन्दन-नमन 8. भगवान् द्वारा कामदेव की वर्धापना 9. कामदेव : स्वर्गारोहण 100 101 तीसरा अध्ययन 103 0 107 1. सार : संक्षेप 2. श्रमणोपासक चुलनीपिता 3. उपसर्गकारी देव : प्रादुर्भाव 4. पुत्रवध की धमकी 5. चुलनीपिता की निर्भीकता 6. बड़े पुत्र की हत्या 7. मंझले व छोटे पुत्र की हत्या 8. मातृवध की धमकी 9. चुलनीपिता का क्षोभ : कोलाहल 10. माता का आगमन : जिज्ञासा 11. चुलनीपिता का उत्तर 12. चुलनीपिता द्वारा प्रायश्चित्त 13. जीवन का उपासनामय अन्त orror or or or or or 0 0 जल 66 0 0 0 110 113 [35] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org