________________ 204] [उपासकदशांगसूत्र 58 107 सूत्र शब्द सूत्र 230, 257, 268, 274 84, 85, 86, 92 उववाग्र 272 एसण उववास एसणिज्ज उववेय 206 ओरगहियय 206 उवसग्ग 112, 116, 117, 146, 156, 225 /ोगिण्ह 220, 221 उवसंपज्ज 66, 69, 70, 92, 121, प्रोदण 125, 148 प्रोसह उब्वट्टण 26 अोसहि Vउवागच्छ 10, 58, 69, 77, 78, 80, 82, ओहह्य 256 86,92,95, 102, 107, 137, 256 74, 83, 253, 255, 261 उवासग 70, 71, 121, 250, 268 क 2, 86, 90, 91, 123, 164, 169 उवासगदसा 2, 276, 277 196, 198, 200, 217 उद्विग्ग 218, 219, 256 कइवय Vउव्विह 214 102, 105 कक्कस उस्सेह कंखा कंखिय Vए (इयत् अथवा एवम्, समास में) 84 86, 95, 246 कज्ज 5, 68, 125 81,187 एक्क 16, 182 एक्कसरग कट्ट 277 एक्कारस 89, 122, 179, 250, 268, 274 कडाहय 127, 130, 133, 227 एक्कारसम 71,148 कडिल्ल एक्केक्क 225 कणग 76, 206 एग 22, 23, 24,93,126, कणीयस 132, 136, 145, 151, 163, 186, 192, 204 225, 230 एगमेग 234, 238, 239 कण्ण एगयानो 197 कण्णपूर Vएज्ज 215, 263 कण्णजय एत्थ 7, 201 कत्तर एय 67, 86, 87, 111, 118, 194 कतार 58, 218 एयारूव 72, 80, 94, 163, 169 कंदप्प एलय 219 कप्प (कल्प-विधि या मर्यादा)। 219 कप्प (कल्प-देवलोक) 62, 74, 89, 122, 2, 10, 12, 44, 58, 59, 62, 66, 149, 156, 179, 268, 274 68, 73, 74, 77, 79, 80, 81, 83, कल्प (क्लप्) 58, 95, 235, 261, 264 9F कंचण एवं एव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org