________________ [उपासकवांगसूत्र 202] सूत्र सूत्र शब्द प्रायव प्राकार 10, 190 प्रागच्छ 188. आयाहिण 70,71 86 Vाराह प्रागमण आगय 86, 216, 218 अाराहणा आगर 107 प्रारोह 197 आलंबण प्रागार प्रागास 136, 145, 154 पालभिया 157, 160, 163 आघवणा 222 Vालव आजीवियोवासग 182, 183, 184, 186, / आलोय 84-87,89, 261, 264,265 188, 191, 194, 203 प्रावण 184, 193, 194,220, 211 आजीवियोवासय 181, 185, 187, 190, पावरणिज्ज 74 57 - आसंसा 192, 193, 195-202, 204 आजीविय पासण 181, 214 आडोव 107 असाइय 145, 154 Vाढा 215, 247 आसाएमाणी 240,244 आणत्तिय 206 आसी 197 पाणंद 2, 3, 5, 10, 12, 58, 62, 204, प्रासुरत्त 95, 99, 105, 109, 116 232, 252, 270, 274 130,138, 255, 261 प्राणवण पाहय प्राणामिय 195 आदाण (आदान) 15, 47, 51 आहार (आधार) आदाण (आर्द्रहण) 127, 130, 133 आहार (आहार) आदिय (प्रा-दा) 58, 119, 177 इ (इति) 44,86, 117, 168, 169, पादिय (आदिक) 29, 32 175, 192, 199, 200, 259 प्राधार 66 इ (अपि, चित्त) 63, 66, 73, 74, 88, Vापुच्छ 5,68, 69, 62 120, 185, 195, 112, प्राभरण 10, 31, 190, 208 238,241, 252, 254, 267 Vाभोय 255, 261 इइ Vामंत 117, 175 इंगाल प्रामलय 24 - इच्छ 77, 136, 154, 163, 202 प्रायंक 152, 154, 156 इच्छा 17 Vायंच 127, 130, 133, 136, 140, 151, इच्छिय 12, 58 154, 158, 163, 225, 227, 230 इट्ट आयरिय (आचरित) 43 इड्डि 111, 169,170, 171 आयरिय (प्राचार्य) 73, 188, 219, 220 इत्तरिय 48 200 101 ग्राहयय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org