________________ सम्पादन-सहयोगी-सत्कार भगवतीसूत्र जैसा विशाल आगम सम्पादन-प्रकाशन की दृष्टि से काफी श्रमसाध्य एवं व्ययसाध्य कार्य है। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित तथा अभिनन्दनीय है। सम्पादक मुनिश्री के साथ कार्यरत विद्वानों को पारिश्रमिक आदि की व्यवस्था में निम्नलिखित महानुभावों का उदार अर्थसहयोग प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक धन्यवाद --- श्री रामेश्वरदासजी जैन (मुवाना वाले) के सुपुत्र श्री ओमप्रकाशजी जैन श्री पवनकुमारजी जैन श्री रमेशचन्द्रजी जैन मे. कुमार इण्टर प्राइजेज A-72, ग्रुप इण्डस्ट्रियल एरिया वजीरपुर, दिल्ली-५२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org