________________ तइए बेइंदियमहाजुम्मसए : पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा तृतीय द्वीन्द्रियमहायुग्मशतक : पहले से ग्यारहवे उद्देशक पर्यन्त द्वितीय द्वीन्द्रियमहायुग्मशतक के अनुसार नीललेश्यी द्वीन्द्रियशतकनिर्देश 1. एवं नीललेस्सेहि वि सयं / [ // 36-2-1-11 // ] // छत्तीसइमे सए : ततियं सतं समत्तं / / 36-3 / / [1] इसी प्रकार नीललेश्यी द्वीन्द्रिय जीवों का ग्यारह उद्देशक-सहित शतक है / // छत्तीसवां शतक : तृतीय द्वीन्द्रियशतक समाप्त // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org