________________ अट्ठमे एगिदियसए : पढमाइ-एक्कारस-पज्जंता उद्देसगा पाठयाँ एकेद्रियशतक : पहले से ग्यारहवें उद्देशक-पर्यन्त छठे एकेन्द्रिय-शतकानुसार : कापोतलेश्यी-भवसिद्धिक-एकेन्द्रिय-वक्तव्यता-निर्देश 1. एवं काउलेस्सभवसिद्धीएहि वि सयं / // अट्ठमे एगिदियसए : पढमाइ-एक्कारस-पज्जंता उद्देसगा समत्ता // 8 / 1-11 // // तेतीसइमेसए : अट्टम एगिदियसयं समत्तं // 33-8 // _[1] कापोतलेश्यी भवसिद्धिक एकेन्द्रिय जीवों का शतक भी इसी प्रकार (पूर्ववत्) कहना चाहिए। ॥पाठवा एकेन्द्रियशतक : पहले से ग्यारहवें उद्देशक तक सम्पूर्ण / // तेतीसवां शतक : अष्टम एकेन्द्रियशतक समाप्त / / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org