________________ 202] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र समुद्घातयंत्र नाम किसको होते हैं ? कितना समय किस कर्म के कारण से परिणाम Air 1. वेदनासमुद्घात सर्वछद्मस्थ अन्तर्मुहूर्त | असातावेदनीय कर्म से श्रासातावेदनीय कर्मपुदगलों | जीवों को का नाश 2. कषायसमुद्घात कषाय नामक चारित्र- कषायमोहकर्म के पूदगलों मोहनीय कर्म के का नाश कारण 3. मारणान्तिक " " / आयुष्यकर्म के कारण : प्रायुष्यकर्म के पुद्गलों का समुद्घात नाश 4 वैक्रियसमुद्घात नारकों, चारों। " वैक्रिय शरीर नामकर्म वैक्रिय शरीर नामकर्म के प्रकार के देवों, के कारण से पुराने पुद्गलों का नाश और / तियं चपंचेन्द्रियों नये पुद्गलों का ग्रहण एवं छद्मस्थ मनुष्यों को। 5. तैजससमुद्धात व्यन्तर ज्योतिष्क तैजस शरीर नामकर्म तैजस शरीर नामकर्म के देवों, नारकों के कारण से पुदगलों का नाश पंचेन्द्रियतिर्यचों एवं छद्मस्थ मनुष्यों को 6. आहारकसमुद्घात चतुर्दशपूर्वधर | आहारक शरीर नाम- आहारक शरीर नामकर्म के मनुष्यों को कर्म के कारण से पुद्गलों का नाश 7. केवलिसमुद्घात केवलज्ञानी आठ समय | आयुष्य के अतिरिक्त आयुष्य के सिवाय तीन मनुष्यों को तीन अघातीकों के ! अघाती कर्म के पुदगलों कारण का नाश / / द्वितीय शतक : द्वितीय उद्देशक समाप्त / / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org