________________ वीसवां शतक : उद्देशक 5] [31 सत्त भंगा जाब सिय कालगाय, नीलगाय, लोहियए य 7; सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य 8, एए अट्ठ भंगा; एवमेते दस तियासंजोगा, एक्केक्के संजोगे अट्ठ भंगा; एवं सब्वे वि तियगसंजोगे असीतिभंगा। जति चउवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य 1; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य 2; सिय कालए य, नीलए य, लोहिगा य, हालिद्दए य 3 सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगा य, 4; सिय कालए य नीलया य, लोहियए य, हालिद्दए य 5; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियए य, हालिहगा य६; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दए य 7; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य 8; सिय कासगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिहगा य; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिइए य 10; सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दए य 11; एए एक्कारस भंगा। एवमेए पंच चउक्का संजोगा कायव्वा, एक्केक्के संजोए एक्कारस भंगा, सव्वेते चउक्कगसंजोएणं पणपन्नं भंगा / जति पंचवणे--सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुविकलए य 1; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य 2; सिय कालए य नीलए घ लोहियए य हालिद्दगा य सुविकलए य 3; सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य 4; सिय कालए य नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य 5; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुश्किलए य 6; एवं एए छन्भंगा भाणियन्या। एवमेते सव्वे वि एक्कगदुयग-तियग-चउक्कग-पंचग-संजोएसु छासीयं भंगसयं भवति / गंधा जहा पंचपएसियस्स। रसा जहा एयरसेव वण्णा। फासा जहा चउप्यएसियस्त / [6 प्र०] भगवन् ! षट्-प्रदेशिक स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है; इत्यादि पूर्ववत प्रश्न ? [6 उ०] गौतम ! जिस प्रकार पंचप्रदेशी स्कन्ध के (वर्णादि के विषय में कहा है, उसी प्रकार (यहाँ भी) यावत्-कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है, तक (जानना चाहिए।) यदि वह एक वर्ण और दो वर्ण वाला है तो एक वर्ण के 5 और दो वर्ण के 4 भंग पंच-प्रदेशी स्कन्ध के समान होते हैं। यदि वह तीन वर्ण वाला हो तो कदाचित काला, नीला और लाल होता है, इत्यादि, जिस प्रकार पंच-प्रदेशिक स्कन्ध के, यावत-'कदाचित अनेकदेश काला, अ और एकदेश लाल होता है, तक सात मंग कहे हैं, वे उसी प्रकार समझने चाहिए, आठवाँ भंग इस प्रकार है-(८) कदाचित् अनेकदेश काला, नीला और लाल होते हैं / इस प्रकार ये दस त्रिकसंयोग होते हैं। प्रत्येक त्रिकसंयोग में 8 भंग होते हैं। अतएव सभी त्रिकसंयोगों के कुल मिला कर (8 x 10 = ) 80 भंग होते हैं / यदि वह चार वर्ण वाला होता है, तो (1) कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, (2) कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org