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________________ बारहवां उद्देशक चौवीस दण्डकगत मिथ्यादृष्टि जीवों की उत्पत्ति का अतिदेशपूर्वक निरूपण 522 छब्बीसवां शतक छब्बीसवे शतक का मंगलाचरण 526, छब्बीसवे शतक के ग्यारह उद्देशकों में ग्यारह द्वारों का निरूपण 526 प्रथम उद्देशक प्रथम स्थान : जीव को लेकर पापकर्मबन्ध-प्ररूपण 527. द्वितीय स्थान : मलेश्व-प्रलेश्य जोवों की अपेक्षा पापकर्मबन्ध-निरूपण 528, तृतीय स्थान : कृष्ण-शुक्लपाक्षिक को लेकर पापकर्मबन्ध प्ररूपणा 529, चतुर्थ स्थान : सम्यक-मिथ्या-मिश्रदष्टि जीव की अपेक्षा पापकर्मबन्ध-निरूपण 530, छठा स्थान : अज्ञानी जीव की अपेक्षा पोपकर्मबन्ध-निरूपण 531, सप्तम स्थान : पाहारादि संज्ञी की अपेक्षा पापकर्मबन्ध-प्ररूपणा 531, अष्टम स्थान : सवेदक-प्रवेदक जीव को लेकर पापकर्मबन्ध-प्ररूपणा 531, नवम स्थान : सकषायी-अकषायी जीव को लेकर पापकर्मबन्ध-प्ररूपणा 532, दसवां स्थान : सयोगी-प्रमोगी जीव को लेकर पापकर्मबन्ध-प्ररूपणा 533, ग्यारहवाँ स्थान : साकार-अनाकारोपयुक्त जीव की अपेक्षा पापकर्मबन्ध-प्ररूपणा 533, चौवीस दण्डकों में ग्यारह स्थानों की अपेक्षा पापकर्मबन्ध की चातुर्भगिक प्ररूपणा 533, जीव और चौवीस दण्डकों में ज्ञातावरणीय से लेकर मोहनीय कर्मबन्ध तक की चतुर्भगीय प्ररूपणा ग्यारह स्थानों में 535, जीव और चौवीस दण्डकों में प्रायुष्यकर्म की अपेक्षा चतुर्भगीय-प्ररूपणा ग्यारह स्थानों में 538, जीव और चौवीस दण्डकों में नाम, गोत्र और अंतराय कर्म की अपेक्षा ग्यारह स्थानों में चतुभंगी प्ररूपणा 544 द्वितीय उद्देशक अनन्तरोपपन्नक नारकादि चौवीस दण्डकों में पापकर्मबन्ध की अपेक्षा ग्यारह स्थानों की प्ररूपणा तृतीय उद्देशक परम्परोपपन्नक चौवीस दण्डकों में पापकर्मादिबन्ध को लेकर ग्यारह स्थानों की निरूपणा चतुर्थ उद्देशक अनन्तरावगाढ चौवीस दण्डकों में पापकर्मादि-बन्ध प्ररूपणा पांचवा उद्देशक परम्परावगाढ चौवीस दण्डकों में पापकर्मादिबन्ध-प्ररूपणा 552 553 छठा उद्देशक अनन्तराहारक चौवीस दण्डकों में पापकर्मादिबन्ध की प्ररूपणा सातवां उद्देशक परम्पराहारक चौवीस दण्डकों में पापकर्मादिबन्ध की प्ररूपणा आठवां उद्देशक अनन्तरपर्याप्तक चौवीस दण्डकों में पापकर्मादिबन्ध की प्ररूपणा [ 117 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003473
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages2986
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size69 MB
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