________________ वियाहपण्णत्तिसुत्तं (भगवईसुत्तं) विषय-सूची वीसवां शतक प्राथमिक वीसवें शतक के उद्देशकों का नाम-निरूपण प्रथम उद्देशक विकलेन्द्रिय जीवों में स्यात्, लेश्यादि द्वारों का निरूपण 6, पंचेन्द्रिय जीवों में स्यात् लेश्यादि द्वारों का निरूपण 7, विकलेन्द्रिय और पंचेन्द्रिय जीवों का अल्पबहत्व 9 / द्वितीय उद्देशक अाकाशास्तिकाय के भेद, स्वरूप तथा पंचास्तिकायों का प्रमाण 11, अधोलोक आदि में धर्मास्तिकायादि की अवगाहना-प्ररूपणा 12, धर्मास्तिकाय के पर्यायवाची शब्द 12, अधर्मास्तिकाय के पर्यायवाची शब्द 13, आकाशास्तिकाय के पर्यायवाची शब्द 14, जीवास्तिकाय के पर्यायवाची शब्द 15, पुदगलास्तिकाय के पर्यायवाची शब्द 16 / तृतीय उद्देशक आत्मा में प्राणातिपात से लेकर अनाकारोपयोग धर्म तक का परिणमन 17, गर्भ में उत्पन्न होते हए जीव में वर्णादि प्ररूपणा 18 चतुर्थ उद्देशक इन्द्रियोपचय के भेदादि की प्ररूपणा पंचम उद्देशक परमाण पुदगल में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श की प्ररूपणा 20, द्विप्रदेशी स्कन्ध में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श की प्ररूपणा 20, त्रिप्रदेशी स्कन्ध में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श की प्ररूपणा 22, चतुष्प्रदेशी स्कन्ध में वर्ण-गध-रस-स्पर्श की प्ररूपणा 25, पंचप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि की प्ररूपणा 29, षटप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि के भंगों का निरूपण 30, सप्तप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि भंगों का निरूपण 32, अष्टप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि भंगों का निरूपण 34, नवप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि के भंगों का निरूपण 36, दसप्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि के भंगों का निरूपण 37, बादर परिणामी अनन्त प्रदेशी स्कन्ध में वर्णादि प्ररूपणा 38 / [ 106 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org