________________ ॐ अहं बिनागम-पम्पमालाचार 25 [ परमश्रदेय गुरुदेव पूज्य श्रीजोरावरमलजी महाराज की पुण्य-स्मृति में आयोजित ] पंचम गणधर भगवत्सुधर्मस्वामि-प्रणीत पञ्चम अंग व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [भगवतीसूत्र-चतुर्थखण्ड, शतक : 20-41] [ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त] प्रेरणा 0 उपप्रवतंक शासनसेवी स्व० स्वामी श्रीवजलालजी महाराज आद्यसंयोजक-प्रधानसम्पादक ] (स्व०) पुवाचार्य श्रीमिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' अनुवादक-विवेचक-सम्पादक / श्री अमरमुनि [भण्डारी श्री पाचन्दजी महाराज के सुशिष्य श्रीचन्द सुराणा 'सरस' मुख्य सम्पादक / पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल प्रकाशक D श्री प्रागमप्रकाशन-समिति, ज्यावर (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org