________________ 420] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र देवकुरु में शीतोदा नदी से सम्बन्धित निषध आदि 5 द्रहों के दोनों तटों पर दस-दस कांचनपर्वत है। इस तरह ये भी 100 कांचनपर्वत हए। दोनों मिलकर 200 कांचनपर्वत हैं / इन पर्वतों पर जम्भक देव रहते हैं। // चौदहवां शतक : आठवाँ उद्देशक समाप्त // 1. (क) भगवती. अ. वत्ति, पत्र 654-655 (स) भगवती. (हिन्दोविवेचन) भा. 5, पृ. 2353 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org