________________ 378] व्यिाख्याप्रज्ञप्तिसूत्र विविध प्रकार के अनिष्ट यावत् अमनोझ परिणामों के अनुभव का प्रतिपादन किया गया है।' दस प्रकार की वेदनाओं का परिणामानुभव-नैरयिक जीव अशुभतभ पुद्गल-परिणामों का अनुभव करने के उपरांत शीत, उष्ण, क्षधा, पिपासा, खुजली, परतंत्रता, भय, शोक, जरा और व्याधि, इन 10 प्रकार की वेदनाओं का भो अनिष्टतम परिणामानुभव करते हैं। / चौदहवां शतक : तृतीय उद्देशक समाप्त / / 1 पोग्गलपरिणाम 1 बेयणाइ 2 लेसाई 3 नाम-गोए य 4 / अरई 5 भए 6 य सोगे 7 खुहा 8 धिवासा 9 य बाही य 10 // 16 . उस्सासे 11 अणुतावे 12 कोहे 13 माणे 14 य माय 15 लोभे य 16 / चत्तारि य सन्त्राओ 20 नेरइयाणं परीणामो // 2 // -जीवा. प्रति. 3 उ. 2 पत्र 109-27 2 भगवती (हिन्दीविवेचन) भा. 5, पृ. 2203 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org