________________ अतीत-अनागतकालिक महापुरुप [237 इन नवों वासुदेवों की पूर्व भव में नौ निदान-भूमियाँ थीं। (जहाँ पर उन्होंने निदान (नियाणा) किया था।) जैसे-- 1. मथुरा, 2. कनकवस्तु, 3. श्रावस्ती, 4. पोदनपुर, 5. राजगृह, 6. काकन्दी, 7. कौशाम्बी, 8. मिथिलापुरी और 9. हस्तिनापुर // 62 / / ६६२–एतेसि णं नवण्हं वासुदेवाणं नव नियाणकारणा होत्था / तं जहा गावि जुवे [संगामे तह इत्थी पराइओ रंगे। भज्जाणुराग गोट्ठी परइड्ढी माउआ इय // 62 // ] इन नवों वासुदेवों के निदान करने के नौ कारण थे 1. गावी (गाय), 2. यूपस्तम्भ, 3. संग्राम, 4. स्त्री, 5. युद्ध में पराजय, 6. स्त्री-अनुराग 7. गोष्ठी, 8. पर-ऋद्धि और 9. मातृका (माता) // 63 // ६६३---एएसि नवण्हं वासुदेवाणं नव पडिसत्तू होत्था / तं जहा अस्सग्गीवे [तारए मेरए महुकेढवे निसुभे य। बलिपहराए तह रावणे य नवमे] जरासंधे // 63 // एए खलु पडिसत्त [कित्ती परिसाण वासदेवाणं। सब्वे वि चक्कजोही सव्वे वि हया] सचक्केहि // 64 // एक्को य सत्तमीए पंच य छट्ठीए पंचमी एक्को / एक्को य चउत्थीए कण्हो पुण तच्च पुढवीए // 65 // अणिदाणकडा रामा [सवे वि य केसवा नियाणकडा / उड्ढंगामी रामा केसव सम्वे अहोगामी // 66 // अळंतकडा रामा एगो पुण बंभलोयकप्पंमि / एक्कस्स गन्भवसही सिज्झिस्सइ आगमिस्सेणं // 67 // इन नवों वासुदेवों के नौ प्रतिशत्रु (प्रतिवासुदेव) थे। जैसे - 1. अश्वग्रीव, 2. तारक, 3. मेरक, 4. मधु-कैटभ, 5. निशुम्भ 6. बलि, 7. प्रभराज (प्रह्लाद), 8. रावण और 9. जरासन्ध / / 63 / / ये कीर्तिपुरुष वासुदेवों के नौ प्रतिशत्रु थे / ये सभी चक्रयोधी थे और सभी अपने ही चक्रों से युद्ध में मारे गये / / 64 / / उक्त नौ वासुदेवों में से एक मर कर सातवीं पृथिवी में, पांच वासुदेव छठी पृथिवी में, एक पांचवीं में एक चौथी में और कृष्ण तीसरी पृथिवी में गये // 65 / / ___सभी राम (बलदेव) अनिदानकृत होते हैं और सभी वासुदेव पूर्व भव में निदान करते हैं। सभी राम मरण कर ऊर्ध्वगामी होते हैं और सभी वासुदेव अधोगामी होते हैं // 66 // आठ राम (बलदेव) अन्तकृत् अर्थात् कर्मों का क्षय करके संसार का अन्त करने वाले हुए। एक अन्तिम बलदेव ब्रह्मलोक में उत्पन्न हुए। जो आगामी भव में एक गर्भ-वास लेकर सिद्ध होंगे // 67 / / 664 -जंबुद्दीवे [णं दोवे] एरवए वासे इमोसे प्रोसप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा होत्था / तं जहा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org