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________________ परिशिष्ट 1 : गाथाओं की अनुक्रमणिका गाथा सूत्राङ्क गाथा सूत्रा 526 426 234 st 2 or i0 op M 161 236 371 204 चतारि समोसरणाणिमाणि चित्तमंतमचित्त वा चिता महंतीउ समारभित्ता चिरं दूइज्जमाणस्स चेच्चा वित्त च पुत्ते य चोदिता भिक्खुचज्जाए छंदेण पलेतिमा पया छण्णं च पसस शो करे छिदंति बालस्स खुरेण नक्क जइ कालुणियाणि कासिया जइ केमियाए मए भिक्खू जइ णे केइ पुच्छिज्जा जइ ते सुता लोहितपूयपाती जइ ते सुता वेतरणीऽभिदुग्गा जइ वि य कामेहि लाविया जइ वि य णिगिणे किसे चरे जइ वो केइ पुच्छिज्जा जं किंचि अणगं तात जं किचि वि पूतिकडं जं किच वक्कम जाणे जं जारिसं पुवमकासि कम्म जं मतं मुब्बसाहूणं जसि गुहाए जलणेऽतियट्टे जनुकुभे जोतिमुवगूढे जत्थऽत्थमिए अणाउले जदा हेमनमासमि जमतीतं पडुप्पण्णं जमाहु ओहं सलिलं अपारगं जमिणं जगती पुढो जगा जययं विहराहि जोगवं जविणो मिगा जहा संता जसं कित्ति सिलोगं च जस्सि कुले समुप्पन्ने 535 जहा आसाविणि नावं 2 जहा आसाविणि नावं 338 जहा कुम्मे सअंगाई 200 जहा गंडं पिलागं वा 443 जहा ढंका य कंका य 201 जहा दियापोतमपत्तजातं 132 जहा नदी वेयरणी 136 जहा मंधादए नाम 321 जहा य अंधे सह जोतिणा वि 105 जहा य पुढवीथूभे 280 जहा रुक्खं वणे जायं 466 जहा विहंगमा पिंगा 323 जहा सयंभू उदहीण सेठे 307 जहा संगामकालंमि 106 जहाहि वित्त पसवो व सब्वे 67 जाणं काएणऽणाउट्टी 500 जाति च वुदि च विणासयंते 181 जातीवहं अणुपरियट्टमाणे 60 जाते फले समुप्पन्ने 425 जीवितं पिट्ठतो किच्चा 341 जुवती समणं बूया उ 630 जे आततो परतो यावि णच्चा 311 जे आवि अप्पं वसुमं ति मंता 273 जे इह आरंभनिस्सिया 124 जे इह सायाणुगा णरा 168 जे उ संगामकालंमि 607 जे एतं णाभिजाणंति 548 जे एय चरंति आहियं 62 जे एवं उंछं अणुगिद्धा 66 जे केइ बाला इह जीवियट्ठी 33 जे केइ लोगंसि उ अकिरियाया 458 जे केति तसा पाणा 52 386 271 553 564 151 146 206 or m" WN Who Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003470
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana, Ratanmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages847
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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