________________ 466 आचारांग सूत्र-द्वितीय श्रुतस्कन्ध सूत्र शब्द सूत्र शब्द सत्त (सप्त) 406, 633 सय (स्व) 563, 645, 753 सत्थ 515, 516 सय (शत) 746, 765 सत्थजात 484,713, 714, 720 सयं 337, 370, 400, 406, 456, सद्द 546, 550, 666-684,742, 760, 765 478, 486, 518, 556, 564, सद्दल 607, 606, 610, 611, 777, सपडिबार 357, 360 780, 783, 786, 786 सप्पि 381 सयण (शयन) 543, 767 सभाणि 656, 676 सयण (स्वजन) 740, 770. समगजात 440 सयपाग 754 समणुण्ण 366, 405, 606, 610 सयमाण 460 समणोवासग 745 सय(त)सहस्स 748,746, 757, 764 समत्तपइण्ण 746 सया 334, 636 इत्यादि समय 523, 733, 736, 746, 766, 801 सर (सरस्) 505, 673 समवाय 337 सर (शर) समा 734 सरग समाण 324, 325 इत्यादि सरडुयजाय 376 समाधि ( हिट्ठाए 445, 608, 621, सरण 505, 515, 516 623 सरपंतिय 505, 673 समायार 427 सरभ 754 समारंभ 440, 441 सरमह समाहि 410, 457, 482, 486, 501, सरमाण 787 515, 516, 518 सरयकाल 762 समाहिय(समाख्यात) 766 सरसरपंतिय समाहिय (समाहित) 767 सरसीएण 754 समिति 770 सराव 806 समित ____334, 336, 364 इत्यादि सरित्तए 787 समिया 443, 521, 551 सरीर 416, 745 समीरिय 800 सरीसिव 505, 510, 536 समुग्धाय 754 सलिल 802 समुच्छित 531 सल्लइपलंब 377 समुदय 753 सल्लइपवाल समुद्द 753, 766 सवियार समोणत 754 सव्वतो सम्म 340, 367, 410, 770, सब्बठ्ठ 771, 776, 782,785, सवण्ण 788, 761, 762 सव्वसह सम्मिस्सीभाव 340 ससंधिय 583 x im ayu0G60 8 WKWS 766 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org