________________ 366 आचारांगसूत्र-प्रथम श्रुतस्कन्ध वियड वेर सए विवित्त शब्द शब्द सूत्र 271 वेदवी 145, 163, 174, 196 वियत्ता वेदेति 107 वियावाय 198 बेयण 163 वियंतिकारए 215, 216, 224, 228 वेयवं 107 विरत 99, 120, 153, 156, 161, 184, वेयावडिय 199, 207, 208, 219, 227 188, 189, 194, 204, 219, 309 93, 107, 114 विरति वेवइ 179 विराग 123 वोसट्ठकाय 304 विरूवरूव 6, 12, 14, 23, 25, 34, सई 321 36, 42, 44, 50, 52, 57, सई असई 180 59, 68, 73,76, 87, 241 187, 224, 225, 226, संकप्प 151 228, 286, 293 विवाद संकमण 78, 218 243 संकुचए 63, 238, 239 विवित्तजीवि संखडी 272 विवेग संखा 230 159, 163, 202 विसंभणता संखाए 224, 228 75, 184, 191, 254, 266 विष्ण संखाय . 192, 198 197,250 विसाण संग 62, 94,107, 114, 154, विसोग 174, 176, 184, 198 संगंथ विसोत्तिय 20, 185 संगकर 164 विस्सेणि 188 संगामसीस 198, 300, 305 विह 215 संघाडी 290 विहरत 298 संघात 37, 60 विहरमाण 204, 205 संजत 33 विहरे संजमति 160 विहारि संजोग 101,129, 132, 143, बिही 292, 306, 323 144,183 वीर 21,33, 85, 86,91,98,99, संजोगट्टी 101, 103, 107, 109, 120, संणिहिसंणिचय 67, 87 123, 129, 143, 146, 153, संत 134, 219, 264 161,173, 195 संतरुत्तर वीरायमाण 224 193 संताणय 224 वोरिय संति 11, 26, 37, 49, 56, 60 बुड्डि 45, 112 85, 180, 196, 266 185 संतिमरण 85 वेज्जावडिय संतेगतिया 196 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 263 63 248 वृत्त