________________ आचारांगसूत्र-प्रथम श्रुतस्कन्ध सत्र खेत्त 77 खेयण्ण 234 कुल गंड 321 गंध कूरकम्म 176 15 कुणित 169 कुम्म 178 88, 109 कुम्मास 310,319 खेम 178, 179, 181, 186 कुम्वह 117 गंडी 179 कुब्वित्था गंथ 14, 25, 36, 44, 52, 59. कुसग्ग 148 121, 198, 206, 239 कुसल 74, 85, 89, 101, 104 107, 176, 285 140, 159, 162, 172 गढिय 14, 25, 36, 44, 52, 59, कुसील 183 63, 79, 82, 91, 144, 79, 82, 135, 148 198, 263 केावंती 136, 147, 150, 152, गति 123, 169, 175 गब्भ 108, 113, 130, 148, 159 केयण 118 गब्भदंसी केयि गमण 218 कोइ 222 गरुप कोढी 179 गल कोधादिमाण 120 गहाय 297 कोलावास 245 गात (य) 211, 247, 273, 308 कोविय गाम 151 196, 202, 224, 228, 235, कोह (ध) 128, 142, 151, 198 279, 300, 315 कोहदंसी गामंतर 130 196, 214 खंध गामंतिय खण गामधम्म 68, 69, 152 164, 211, 309 गापिंडोलग खणयण्ण 88, 210 317 खणह गामरक्ख 284 215, 219, 224, 228 गामाणुगाम खम 162, 164 खलइंसु गामिय 284 खाइम 191, 204, 205, 207, 208, गायब्भंगण 308 218, 223, 227 गार (गृह) गाहावति 204, 205, 211, 218 खिप्प 234 गाहिय 176 खज्जत्त गिद्ध 113, 149, 190 खज्जित 214, 217, 221,310 खुड्डय 123 गिरिगुहंसि 204, 205 गिलाएज्जा खेतण्ण (खेत्तण्ण) 32, 69, 104, 132, गिलाण 219 176, 209, 210 गिलाति Jain Education International For Private &Personal use only www.jainelibrary.org 15 खिसए