________________
व्यंतर देवों की स्थिति ज्योतिष्क देवों की स्थिति
वैमानिक देवों की स्थिति
सौधर्म आदि अच्युतपर्यन्त कल्पों के देवों की स्थिति
ग्रैवेयक और अनुत्तर देवों की स्थिति
क्षेत्रपल्योपम का निरूपण
सूक्ष्मक्षेत्रपल्योपम - सागरोपम
सूक्ष्मक्षेत्रपल्योपम - सागरोपम का प्रयोजन
अजीवद्रव्यों का वर्णन
जीवद्रव्यप्ररूपणा
शरीरनिरूपण
चौवीस दंडकवर्ती जीवों की शरीरप्ररूपणा
पंचशरीरों का संख्यापरिमाण
बद्धमुक्त वैक्रियशरीरों की संख्या बद्धमुक्त आहारक शरीरों का परिमाण बद्धमुक्त तैजसशरीरों का परिमाण बद्धमुक्त कार्मणशरीरों की संख्या
नारकों में बद्धमुक्त पंचशरीरों की प्ररूपणा
भवनवासियों के बद्ध-मुक्त शरीर
पृथ्वी - अप्-तेजस्कायिक जीवों के बद्ध-मुक्त शरीर
वायुकायिकों के बद्ध-मुक्त शरीर
वनस्पतिकायिकों के बद्ध-मुक्त शरीर
विकलत्रिकों के बद्ध-मुक्त शरीर
पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के बद्ध-मुक्त शरीर
मनुष्यों के बद्ध-मुक्त पंच शरीर
वाणव्यंतर देवों के बद्ध-मुक्त शरीर
ज्योतिष्कदेवों के बद्धमुक्त पंच शरीर
वैमानिक देवों के बद्ध-मुक्त शरीर एवं कालप्रमाण का उपसंहार
भावप्रमाण
गुणप्रमाण
अजीवगुणप्रमाणनिरूपण
जीवगुणप्रमाणनिरूपण
प्रत्यक्षप्रमाणनिरूपण
अनुमानप्रमाणनिरूपण
[88]
२९९
२९९
३०२
३०२
३०५
३०६
३०८
३१०
३१०
३१२
३१३
३१५
३१६
३१८
३१९
३१९
३२१
३२२
३२४
३२६
३२७
३२८
३२९
३३१
३३१
३३५
३३७
३३८
३४०
३४०
३४०
३४२
३४३
३४४