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________________ १५१ १५१ १५२ १५३ १५४ १५७ or १६० १६३ १६५ १६८ १७१ १७२ १७३ १७४ १७५ १७५ औदयिकभाव जीवोदयनिष्पन्न औदयिकभाव अजीवोदयनिष्पन्न औदयिकभाव औपशमिकभाव क्षायिकभाव क्षायोपशमिकभाव पारिणामिकभाव सान्निपातिकभाव द्विकसंयोगज सान्निपातिकभाव त्रिकसंयोगज सान्निपातिकभाव चतुःसंयोगज सान्निपातिकभाव पंचसंयोगी सान्निपातिकभाव सप्तनाम सप्तस्वरों के स्वर स्थान जीवनिश्रित सप्त स्वर अजीविनिश्रित सप्त स्वर सप्त स्वरों के स्वर लक्षण-फल सप्त स्वरों के ग्राम और उनकी मूर्च्छनाएँ सप्तस्वरोत्पत्ति आदि विषयक जिज्ञासाएँ : समाधान गीतगायक की योग्यता गीत के दोष गीत के आठ गुण गीत के वृत्त-छन्द गीत की भाषा गीतगायक के प्रकार उपसंहार अष्टनाम नवनाम वीररस श्रृंगाररस अद्भुतरस रौद्ररस वीडनकरस बीभत्सरस १७७ १७८ १७८ १७८ १७९ १८१ १८१ १८१ १८२ १८२ १८५ १८६ १८७ १८७ १८८ १८९ [४०]
SR No.003468
Book TitleAgam 32 Chulika 01 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1987
Total Pages553
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size11 MB
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