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________________ पश्चानुपूर्वी अनानुपूर्वी औपनिधिकी-द्रव्यानुपूर्वी का दूसरा प्रकार पूर्वानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी अनानुपूर्वी क्षेत्रानुपूर्वी के प्रकार नैगम-व्यवहारसम्मत अनौपनिधिको क्षेत्रानुपूर्वी नैगम-व्यवहारसम्मत अर्थपदप्ररूपणा और प्रयोजन नैगम-व्यवहारसम्मत क्षेत्रानुपूर्वी-भंगसमुत्कीर्तनता एवं प्रयोजन नैगम-व्यवहारसम्मत भंगोपदर्शनता नैगम-व्यवहारसम्मत क्षेत्रानुपूर्वी की समवतारप्ररूपणा नैगम-व्यवहारसम्मत क्षेत्रानुपूर्वी अनुगम प्ररूपणा अनुगमसम्बन्धी सत्पदप्ररूपणता अनुगमसम्बन्धी द्रव्यप्रमाण क्षेत्रानुपूर्वी की अनुगमान्तर्वर्ती क्षेत्रप्ररूपणा अनुगमगत स्पर्शनाप्ररूपणा अनुगमगत कालप्ररूपणा अनुगमगत अन्तरप्ररूपणा अनुगमगत भागप्ररूपणा अनुगमगत भावप्ररूपणा अनुगमगत अल्पबहुत्वप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वीप्ररूपणा औपनिधिको क्षेत्रानुपूर्वी की विशेष प्ररूपणा अधोलोकक्षेत्रानुपूर्वी तिर्यग् (मध्य) लोक क्षेत्रानुपूर्वी ऊर्ध्वलोकक्षेत्रानुपूर्वी औपनिधिको क्षेत्रानुपूर्वी के वर्णन का द्वितीय प्रकार कालानुपूर्वीप्ररूपणा नैगम-व्यवहारसम्मत अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी अर्थपदप्ररूपणता (ख) भंगसमुत्कीर्तनता भंगोपदर्शनता (घ) समवतार १०० १०१ १०३ १०४ १०६ १०८ १०९ १०९ ११० १११ ११२ ११३ [३८]
SR No.003468
Book TitleAgam 32 Chulika 01 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1987
Total Pages553
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size11 MB
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